शुरुआती कुछ दिनों तक बैंक से लेकर डाकघर तक नोट जमा करने के लिए लोगों के बीच मारामारी जैसा माहौल देखा गया। लगभग एक पखवारे से अधिक समय तक जबरदस्त धक्कामुक्की व लंबी लाइन के बाद नोट जमा करने का दौर धीरे-धीरे कम हुआ। हालत यह थी कि लगभग एक सप्ताह पहले तक सिर्फ इक्का-दुक्का लोग ही नोट जमा करने के लिए पहुंच रहे थे।
इस बीच नोट जमा करने की अंतिम तिथि नजदीक आने के साथ ही एक बार फिर से लोगों ने बैंकों की तरफ रुख किया। हालांकि ज्यादा भीड़ तो नहीं उमड़ी लेकिन अच्छी खासी रकम में जमा हुई। एक अनुमान के मुताबिक लगभग 40 लाख रुपये अंतिम दिन जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्र की विभिन्न बैंक शाखाओं में जमा कराए गए।
एसबीआई कृषि शाखा के प्रबंधक केके सेठी ने बताया कि बैन हो चुके 500 रुपये के कुल चार लाख 12 हजार रुपये जमा हुए। जिला मुख्यालय स्थित बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक राकेश कुमार कन्नौजिया ने बताया कि अंतिम दिन कुल एक लाख 20 हजार रुपये के पुराने नोट जमा हुए। इसी प्रकार बैंक ऑफ बड़ौदा मुख्य शाखा के प्रबंधक एसपी सिंह के अनुसार कुल चार लाख रुपये के पुराने 500 के नोट जमा हुए।
जलालपुर प्रतिनिधि के अनुसार यूनियन बैंक के शाखा प्रबंधक ने बताया कि 500 रुपये के 44 नोट तथा एक हजार के 41 नोट जमा हुए जो कुल 63 हजार रुपये हुआ। बीओबी के अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि एक हजार की 10 नोट तथा 500 की 180 नोट जमा हुई, जो कुल एक लाख रुपये हुआ।
एसबीआई के जलालपुर शाखा प्रबंधक राजबहादुर वर्मा ने बताया कि 500 के 308 नोट जमा हुए, जबकि एक हजार के 26 नोट जमा हुए, जो कि कुल एक लाख 80 हजार रुपये हुआ। ऐसा ही हाल अन्य बैंक शाखाओं का भी रहा। एलडीएम अरुण कुमार सिंह ने बताया कि बीच के दिनों में नोट बदलने का क्रम लगभग ठंडा पड़ गया था लेकिन शाखा प्रबंधकों ने जो जानकारी दी, उसके अनुसार अंतिम दिनों में लोगों का रुख फिर से बैंक की तरफ नोट जमा करने के लिए हुआ। अंतिम दिन भी बड़ी तादाद में लोग बैंकों तक पहुंचे।