वनकर्मियों के निलम्बन की मांग को लेकर बेमियादी अनशन पर बैठे भाजपा विधायक सुरेन्द्र सिंह ने दोपहर बाद आंदोलन समाप्त कर दिया। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पांडेय ने विधायक से फोन पर बात की और उन्हें लखनऊ बुलाया। साथ ही उनकी मांगों को पूरा करने का भरोसा भी दिया। इसके बाद मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार ने जूस पिलाया, जिसके बाद अनशन
समाप्त हो गया।
गुरुवार की रात कस्बे से सटे चिरईया मोड़ के पास समर्थकों संग पहुंचे विधायक व वन कर्मचारियों के बीच मारपीट हो गयी। इस घटना में वन दारोगा संतोष कुमार को गहरी चोटें आयीं। घटना के बाद दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाये। विधायक के अनुसार वन विभाग के कर्मचारी अवैध वसूली कर रहे थे।
शुक्रवार को वनकर्मियों के निलम्बन की मांग को लेकर बैरिया वन रेंज कार्यालय के सामने विधायक धरने पर बैठ गये। बात नहीं बनी तो शनिवार से बेमियादी अनशन शुरू कर दिया। अधिकारियों ने कार्रवाई का भरोसा दिया, लेकिन विधायक अड़े रहे। इसी बीच, दोपहर बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पांडेय ने फोन की पूरी स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने विधायक को लखनऊ बुलाया। साथ ही भरोसा दिया कि जांच कराकर दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई की जायेगी। इस दौरान एसडीएम राधेश्याम पाठक, सीओ उमेश यादव, अमिताभ उपाध्याय, नर्वदेश्वर मिश्र, हरिकंचन सिंह, रामप्रकाश सिंह, प्रशांत उपाध्याय, विजय यादव, भरत सिंह आदि मौजूद थे।
विधायक पर कार्रवाई नहीं हुई तो हड़ताल
बैरिया विधायक सुरेन्द्र सिंह द्वारा की मारपीट की घटना से नाराज वन विभाग के कर्मचारियों ने भी मोर्चा खोल दिया है। जीराबस्ती स्थित डीएफओ कार्यालय पर जुटे जिले के सभी वनकर्मियों ने केस दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग की। चेताया कि ऐसा नहीं हुआ तो वे हड़ताल करेंगे।
घटना से आक्रोशित वन विभाग के कर्मचारियों का जुटान शनिवार को डीएफओ कार्यालय पर हुआ। वक्ताओं ने कहा कि एक जनप्रतिनिधि द्वारा सरकारी कर्मचारियों के साथ मारपीट की घटना बेहद निंदनीय है। उन्होंने कहा कि यदि मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी नहीं हुई तो नौ अक्तूबर से जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना दिया जायेगा।