बीआरओ को सौंपा गया लेह बार्डर तक रोड कनेक्टिविटी के लिए दो टनल बनाने का काम

हिमाचल प्रदेश से लेह-लद्दाख बार्डर सड़क संपर्क मजबूत करने के लिए टनल निर्माण का कार्य सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) करेगा। इसके पहले यह काम सड़क परिवहन मंत्रालय के उपक्रम एनएचएआईडीसीएल के पास था। बतातें हैं कि तय समय में टनल परियोजनाओं को पूरा करने के लिए यह फैसला किया गया है।

सड़क परिवहन मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि नेशनल हाइवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेलवपमेंट कॉरपोरेशन (एनएचएआईडीसीएल) की ओर से रक्षा मंत्रालय को भेजे पत्र कहा गया है कि विभाग लेह लद्दाख रोड कनेक्टिविटी सुद्ढ़ करने के लिए टनल परियोजनाओं की डीपीआर बना रहा है। लेकिन विभाग के इस गंभीर प्रयास की अनदेखी करते हुए तांगलांग ला व लाचुंग ला टनल परियोजनाओं का डीपीआर बनाने का काम बीआरओ को देने का फैसला किया गया है। जबकि विभाग ने शिकुंन ला टनल परियोजना का डीपीसाआर बनाने का काम पिछले साल दिसंबर में सफलतापूवर्क कर लिया है।

मंत्रलाय के अधिकारियों ने बताया कि तांगलांग ला व लाचुंग ला टनल परियोजनाओं को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी बैठक कर चुके हैं। इसमें बीआरओ व एनएचएआईडीसीएल दोनों ने टनल परियोजनाओं को लेकर प्रस्तुतिकरण पेश किया। अंत में दो टनल परियोजनाओं का डीपीआर बनाने का काम बीआरओ को सौंपने का फैसला किया गया।
परियोजनाओं की लागत डीपीआर बनने के बाद पता चलेगीदो टनल परियोजनाओं की लागत डीपीआर बनने के बाद पता चलेगी। जबकि 4.25 किलोमीटर लंबी शिकुंन ला टनल परियाजना पर एक हजार करोड़ खर्च होने का अनुमान है। और परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य 2024 में रखा गया है। विदित हो कि सरकार हिमाचल प्रदेश के मनाली से लेह के बीच वैकल्पिक रोड कनेक्टिविटी बना रही है। इसके तहत कई टनलों का निर्माण किया जाना है।

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