डीएमसीएच में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल शुक्रवार को तीसरे दिन भी जारी रहने से मरीजों की परेशानी बढ़ती जा रही है। हड़ताल के दौरान अभी तक विभिन्न विभागों में नौ मरीज दम तोड़ चुके हैं। जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से पूरे डीएमसीएच परिसर वीरानगी छायी हुई है।
क्रिसमस की छुट्टी रहने के कारण शुक्रवार को अस्पताल का ओपीडी बंद रहा। आपातकालीन विभाग में भी इलाज बंद रहने के कारण गंभीर मरीजों ने निजी अस्पतालों का रुख करना शुरू कर दिया है। कई विभागों से मरीजों का पलायन शुरू हो गया है। अस्पताल में चंद मरीजों का ही दाखिला हो पा रहा है। डिस्चार्ज किये जा रहे मरीजों की संख्या कई गुना अधिक है। अस्पताल की सभी ओटी में पिछले तीन दिनों से ताले झूल रहे हैं। एक दर्जन से अधिक मरीजों के ऑपरेशन अभी तक टाले जा चुके हैं।
पिछले दो दिनों में मेडिसिन आईसीसीयू व आईसीयू में दो-दो मरीज दम तोड़ चुके हैं। वहीं, मेडिसिन वन ब्लॉक में दो, निकू, लेबर रूम और एईएस वार्ड में एक-एक मरीज की मौत हो चुकी है। हालांकि डीएमसीएच अधीक्षक डॉ. मणिभूषण शर्मा का कहना है कि सीनियर डॉक्टर और सीनियर व जूनियर रेजिडेंट लगातार राउंड लगा रहे हैं। मरने वाले सभी मरीजों की स्थिति अत्यंत गंभीर थी। मरीजों के इलाज में किसी तरह की कोताही नहीं बरती जा रही है।
वहीं दूसरी ओर गायनी विभाग में पिछले तीन दिनों के दौरान केवल एक सीजेरियन किया गया। नॉर्मल डिलीवरी की संख्या आधा दर्जन से ज्यादा नहीं है। जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण वहां भी चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह बेपटरी हो गयी है। अस्पताल में 24 दिसंबर को विभिन्न विभागों में 605 मरीज भर्ती थे। शुक्रवार को भर्ती मरीजों की संख्या 538 थी।