कोरोना की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं। पुलिसवाले भी इससे अछूते नहीं है। मुख्यालय के मुताबिक इस वर्ष अबतक 202 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। वहीं कोरोना के लक्षण वाले 5 पुलिसकर्मियों की मौत हुई है। पिछले दो दिनों में ही तीन अफसरों ने दम तोड़ दिया है। सोमवार को ही किऊल जीआरपी के इंस्पेक्टर राज किशोर का निधन हो गया। कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों को लेकर पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह और मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार धीरज ने भी इलाज की बेहतर व्यवस्था की मांग की थी। इस पर सोमवार को इनकी वरीय पदाधिकारियों के साथ बातचीत भी हुई।
पुलिस में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले के बाद पुलिस मुख्यालय हरकत में आ गया है। वैसे पुलिसकर्मी जिनमें कोरोना का लक्षण दिखता है तुरंत उनकी जांच कराई जाएगी। जबतक रिपोर्ट नहीं आती उन्हें होम क्वारंटीन में रखा जाएगा। इसके साथ ही कोरोना संक्रमित पुलिस पदाधिकारियों और जवानों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए रेंज आईजी-डीआईजी को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है।
मुख्यालय के मुताबिक पुलिस में बढ़ते संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण के लिए सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत यदि कोई पुलिस अधिकारी या कर्मी कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो उसे बेहतर इलाज उपलब्ध हो इसके लिए रेंज आईजी-डीआईजी को नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया गया है। वहीं पुलिस मुख्यालय के स्तर पर आईजी (मुख्यालय) नोडल पदाधिकारी होंगे। उनके सहयोग के लिए डीआईजी (कार्मिक), एआईजी (निरीक्षण) और डीजी कंट्रोल रूम के डीएसपी की प्रतिनियुक्ति की गई है।
पुलिस मुख्यालय में भी बढ़ाई गई सतर्कता
सरदार पटेल भवन स्थित पुलिस मुख्यालय में कोरोना संक्रमण के मामले अक्सर सामने आ रहे हैं। डीजीपी एस के सिंघल की अध्यक्षता में हालात की समीक्षा की गई। इसके बाद वहां भी सतर्कता बढ़ा दी गई है। मुख्यालय के सभी प्रभागों में कोरोना की रोकथाम के लिए एक नोडल पदाधिकारी बनाने का सुझाव दिया है। नोडल पदाधिकारी अपने प्रभाग का औचक निरीक्षण करेंगे। यदि कोई संक्रमित पाया जाता है तो मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के तहत कार्रवाई करेंगे। साथ ही इसकी सूचना डीजीपी कंट्रोल रूम को देंगे। मुख्यालय द्वारा राज्य भर में स्थित तमाम पुलिस प्रतिष्ठनों के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किया गया है। मास्क सभी के लिए जरूरी होगा।
दफ्तर, बैरक में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। यथासंभव बहारी लोगों के प्रवेश को नियंत्रित करने को भी कहा गया है। जो आएंगे उनका थर्मल स्र्कैंनग और हाथों को सेनेटाइज कराया जाए। इंट्री प्वाइंट पर ही डाक लिए जाएंगे। वैसे पुलिसकर्मी जिनकी उम्र ज्यादा है और जो बीमार रहते हैं उनपर विशेष ध्यान देने को कहा गया है। पुलिस लाइन में यदि कोई कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो उसके रहने, खाने और शौचालय के लिए अलग व्यवस्था की जाएगी।