बिहार में कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए सरकारी और निजी अस्पतालों में 20,130 बेड खाली हैं, इसके बावजूद संक्रमितों के इलाज के लिए इन अस्पतालों में भर्ती के लिए उनके परिजन चक्कर काट रहे हैं। मरीजों को लेकर परिजन अस्पतालों के गेट पर घंटों खड़े रहने के लिए मजबूर हैं और उन्हें कोई स्पष्ट जानकरी देने वाला भी नहीं होता।
सबसे अधिक कोविड केयर सेंटर में 11,849 बेड खाली
स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सबसे अधिक कोविड केयर सेंटर (सीसीसी) में 11,849 बेड खाली हैं। ये सेंटर प्रखंड स्तरीय अस्पतालों में संचालित किए जा रहे हैं। ये सभी बेड ऑक्सीजन सुविधा से युक्त हैं।
मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में 916 बेड हैं खाली
जानकारी में अनुसार मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और अन्य प्रमुख अस्पतालों में बनाये गए डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल्स (डीसीएच) में 916 बेड खाली हैं जबकि जिला स्तरीय अस्पतालों व अन्य अस्पतालों में बनाये गए डेडिकेटेड कोविड हेल्थकेयर सेंटर (डीसीएचसी) में 5,244 बेड खाली हैं।
आईसीयू में भी है खाली बेड
सूत्रों के अनुसार राज्य में 1728 आईसीयू बेड हैं जिनमें 1007 संक्रमित मरीज भर्ती है। अस्पतालों में अब भी 721 आईसीयू बेड खाली हैं, जिससे गंभीर संक्रमितों को तुरंत इलाज की व्यवस्था की जा सकती है।
100 निजी अस्पतालों में 1400 बेड खाली
सूत्रों के अनुसार राज्य में 100 निजी अस्पतालों को कोरोना के मरीज़ों के इलाज की स्वीकृति दी गयी है। इनमे 90 पटना में हैं जबकि 10 अन्य ज़िलों में स्थित निजी अस्पताल हैं। राज्य में निजी अस्पतालों को कोविड इलाज की स्वीकृति देने को लेकर कोई नीति नहीं है। जिला प्रशासन केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देश और कोरोना के इलाज में प्रोटोकॉल के आधार पर निजी अस्पतालों में डॉक्टरों, कर्मियों व सुविधाओं की जानकारी लेकर इलाज की अनुमति देता है। राज्य के सभी सौ निजी अस्पतालों में 3620 बेड उपलब्ध हैं, जिनमें 2200 संक्रमितों का इलाज किया जा रहा है जबकि 1400 बेड अब भी ख़ाली हैं।