बिहार में 18 से 44 साल के लोगों के लिए कोरोना टीकाकरण अभियान एक मई से नहीं शुरू हो पाएगा। राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने बताया कि 18 से अधिक उम्र वालों के लिए निबंधन की प्रक्रिया जारी रहेगी, लेकिन वे सिर्फ टीकाकरण स्थान और समय का निर्धारण नहीं कर पाएंगे। यह टीका के उपलब्ध होने के बाद ही शुरू होगा।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार राज्यों के लिए आबादी के अनुसार टीका का कोटा तय करेगी। गुरुवार को केंद्र सरकार के साथ टीकाकरण को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में यह निर्देश दिया गया। चूंकि कई राज्यों ने एक साथ टीके के आर्डर दिये हैं, इसलिए केंद्र सरकार ने टीके की आपूर्ति को लेकर आबादी के अनुसार प्राथमिकता तय करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि बिहार ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को एक करोड़ डोज कोरोना टीके की आपूर्ति का ऑर्डर दिया है। कंपनी ने एक साथ इतने टीके की आपूर्ति करने को लेकर असमर्थता जताई थी और प्रतिमाह खपत की जानकारी मांगी थी। मगर अब केंद्र सरकार के कोटा तय किये जाने के बाद आपूर्ति के हिसाब से टीकाकरण शुरू करने की तैयारी की जाएगी। वहीं, सूत्रों के अनुसार राज्य में अभी आठ लाख डोज टीका स्टॉक में है, जिससे करीब एक लाख डोज प्रतिदिन टीकाकरण कार्य किया जा रहा है।
अभी 1500 केंद्रों पर हो रहा टीकाकरण
राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने बताया कि राज्य में अभी 1500 केंद्रों पर टीकाकरण किया जा रहा है। टीकाकरण केंद्रों पर कार्यरत कर्मियों के संक्रमित होने से अधिक टीकाकरण नहीं हो पा रहा है।
पीएचसी स्तर तक ही हो सकेगा टीकाकरण
स्वास्थ्य कर्मियों के संक्रमित होने के कारण अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (एपीएचसी) और सब सेंटर को बंद कर वहां के कर्मी कोरोना जांच और इलाज के लिए कोविड केयर सेंटर और डेडिकेटेड कोविड हेल्थकेयर सेंटर में तैनात किए गए हैं। इसके कारण प्राथमिक चिकित्सा केंद्र स्तर तक ही 18 से अधिक उम्र के व्यक्तियों का टीकाकरण हो सकेगा।