बिहार में बिजली विभाग ने उपभोक्ताओं पर कार्रवाई करने के लिए कमर कस ली है। इससे पहले विभाग ने इन उपभोक्ताओं की लिस्ट भी तैयार कर ली है। लिस्ट के हिसाब से टीम उपभोक्ताओं के घर-घर जाकर कार्रवाई करेगी। दरअसल बिजली बिल भुगतान नहीं करने वालों के खिलाफ कंपनी विशेष अभियान चलाएगी। इसके लिए राज्यभर में एक विशेष टीम गठित की गई है। प्रमंडलवार गठित इस टीम के सदस्य बकाएदारों के घर-घर जाकर बिजली बिल भुगतान करने का अनुरोध करेगी। इसके बावजूद अगर लोगों ने बिल जमा नहीं किए तो कनेक्शन काटने के साथ ही अन्य कार्रवाई की जाएगी।
देश के चंद राज्यों में बिहार है जहां कोरोना काल के लॉकडाउन में भी बिजली खपत कम होने के बजाए उसमें वृद्धि हुई। कंपनी ने रिकॉर्ड छह हजार मेगावाट से अधिक बिजली आपूर्ति की। लेकिन खरीदकर बिजली दे रही कंपनी के राजस्व में वृद्धि नहीं हो सकी। आमदनी में वृद्धि के बदले कमी हो गई। इसका मूल कारण लोगों द्वारा बिल भुगतान नहीं करना है। इसलिए कंपनी घर-घर जाकर बकाएदारों से सम्पर्क करने का निर्णय लिया है। खासकर वैसे उपभोक्ता के यहां टीम के सदस्य जाएंगे जिनका बकाया अधिक है।
अधिकारियों के अनुसार राजस्व वसूली में वृद्धि के लिए कंपनी ने कई स्तर पर काम किया है। इसके तहत सबसे पहले अधिकारियों की टीम गठित की गई है जिसका एकमात्र काम राजस्व वसूली का रहेगा। उपभोक्ताओं के घर जाने पर टीम के सदस्य लोगों को बिजली बिल जमा करने के लिए उत्साहित करेंगे। टीम के भ्रमण के दौरान अगर कोई उपभोक्ता बिल जमा करना चाहेंगे तो ऑनस्पॉट बिल जमा करने की सुविधा भी दी जाएगी। इसके तहत उपभोक्ताओं की ऑनस्पॉट बिलिंग और फिर उसे जमा करने की सुविधा दी जाएगी। श्हरी क्षेत्रों के साथ ही ग्रामीण इलाके में यह सुविधा उपलब्ध रहेगी। लोगों को डिजिटल भुगतान की सुविधा दी जाएगी।
कंपनी ने विशेष शिविर लगाने का भी निर्णय लिया है ताकि कोरोना काल में अगर कोई कंपनी के कार्यालय आकर बिल जमा नहीं कर पा रहे हैं तो वे अपने नजदीक हाट-बाजार में आकर ही बिल भुगतान कर दें। बिजली कंपनी ने फील्ड के इंजीनियरों को बिल वसूली का लक्ष्य भी दिया है। इन्हें हर हाल में मासिक लक्ष्य पूरा करने को कहा गया है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए कंपनी आंकड़ों का सहारा लेगी। वैसे इलाके को चिह्नित किया जाएगा जहां बिजली नुकसान अधिक हो रहा है, यानी बिजली आपूर्ति अधिक और बिल की वसूली कम हो रही है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अभी कंपनी की मासिक वसूली 600-700 करोड़ के बीच हो रही है। जबकि खपत के अनुसार बिजली कंपनी की वसूली 900 करोड़ से अधिक की होनी चाहिए। बिजली आपूर्ति और बिल वसूली का औसतन अंतर 200 करोड़ महीने से अधिक का है। इस अंतर को पाटने के लिए ही कंपनी ने उपरोक्त कवायद शुरू करने का निर्णय लिया है।