समस्तीपुर
बिहार में बारिश का कहर जारी है। कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं। लाखों लोग प्रभावित हैं। बाढ़ के इस तांडव ने लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ा दी हैं। इस बीच बाढ़ के कारण समस्तीपुर-दरभंगा रेलमार्ग पर ट्रेनों की आवाजाही भी रोक दी गई है। इस कारण से कई ट्रेनें निरस्त हुई हैं, जिससे लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। बता दें कि सूबे में अब तक बाढ़ से 127 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 82 लाख 83 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।
बिहार के 13 जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। बिहार का उत्तरी हिस्सा पिछले करीब एक पखवाड़े से बाढ़ से बेहाल है। कई सड़कें पानी से लबालब भरी हैं तो खेत जलमग्न हो गए हैं। घरों के भीतर पानी बह रहा है तो बाजार और गलियां बंद हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोग या तो ऊचें स्थानों पर शरण लिए हुए हैं या फिर अपने घरों में कैद होकर रह गए हैं।
बाढ़ के कारण अब परिवहन सेवाएं भी बाधित हो रही हैं। रविवार को समस्तीपुर-दरभंगा रेलमार्ग पर ट्रेनों की आवाजाही रोकनी पड़ी। पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया, ‘समस्तीपुर दरंभगा के बीच अस्थाई रूप से रेल सेवाओं को स्थगित किया गया है। जलस्तर बढ़ने के कारण यह फैसला लेना पड़ा है। असिस्टेंट इंजिनियर मौके पर हैं। समस्तीपुर डिविजन के अन्य अधिकारी भी वहां पहुंच रहे हैं।’
कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर
जल संसाधान विभाग के प्रवक्ता अरविंद कुमार ने बताया कि कोसी के जलस्तर में वीरपुर बैराज के पास शुक्रवार की तुलना में शनिवार को कमी आई है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, अधवारा समूह की नदियां, खिरोई और महानंदा राज्य के विभिन्न स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
सुपौल में कई गांवों में कटाव का खतरा
इधर, कोसी के जलस्तर पर भले ही कमी हो परंतु कोसी की तेज धारा से सुपौल जिले के कई गांवों में कटाव का खतरा उत्पन्न हो गया है। कटाव के डर से लोग घर छोड़ रहे हैं। कटिहार, सुपौल और अररिया सहित अन्य जिलों में बाढ़ की हालत गंभीर बनी हुई है। पश्चिम चंपारण में लौरिया-नरकटियागंज पथ डायवर्जन टूट जाने से आवगमन ठप है।
सरकारी स्कूलों को बंद करने का आदेश
नेपाल से फिर पानी छोड़े जाने के कारण बागमती नदी के साथ कमला नदी में फिर से जलस्तर बढ़ने की आशंका है। इसको लेकर दरभंगा में जिला प्रशासन के जिलाधिकारी ने स्थिति को क्रिटिकल मानते हुए लोगों को सावधान किया है और सभी सरकारी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है। इस बीच बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्य जारी है।
एनडीआरएफ की 27 टीमें बचाव कार्य में जुटीं
बाढ़ प्रभावित इन 13 जिलों के 1243 ग्राम पंचायतों में राहत शिविर चलाए जा रहे हैं तथा बाढ़ पीड़ितों के खाने के लिए 888 सामुदायिक रसोइयां चलाई जा रही हैं। बाढ़ से अब तक 127 लोगों की मौत हो चुकी है। एनडीआरएफ की 27 कंपनियां बाढ़ प्रभवित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं।