बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या शुक्रवार को ढाई लाख के करीब पहुंच गयी। कोरोना से संक्रमित पहले मरीज की पहचान 22 मार्च 2020 को हुई थी। 25 दिसम्बर तक 280 दिनों में संक्रमितों की संख्या बढ़कर ढाई लाख से महज 24 कम यानी 2 लाख 49 हजार 976 हो गयी। राहत की बात है कि सूबे में संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर 97.31 फीसदी है, जो देश में सर्वाधिक है। राज्य में अबतक 2 लाख 43 हजार 255 संक्रमित मरीज इलाज के बाद स्वस्थ हो चुके हैं। जबकि 1373 कोरोना संक्रमितों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है। कोरोना के अभी 5347 एक्टिव मरीज हैं, जिनका इलाज चल रहा है।
पटना में सर्वाधिक 47,717 संक्रमितों की हुई पहचान
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, राज्य में अबतक सबसे अधिक पटना में 47,717 कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान की गई है। जबकि मुजफ्फरपुर में 11,430 , भागलपुर में 9,322 व पूर्णिया में 9,230 संक्रमित मिले हैं। वहीं, शिवहर में सबसे कम 1425 संक्रमितों की पहचान हुई है। कैमूर में 2046 और अरवल में 2269 कोरोना संक्रमित मिले हैं।
औसतन एक लाख से अधिक सैंपल की रोज हो रही जांच
राज्य में औसतन एक लाख से अधिक सैंपल की प्रतिदिन जांच की जा रही है। शुक्रवार को 1 लाख 13 हजार 777 सैंपल की जांच की गई। जबकि एक दिन पहले 1 लाख 18 हजार 288 सैंपल की जांच हुई थी। आरटीपीसीआर जांच की संख्या भी प्रतिदिन 20 हजार से अधिक है।
अबतक 1 करोड़ 76 लाख से अधिक सैंपल की हुई जांच
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, राज्य में अबतक 1 करोड़ 76 लाख 85 हजार 756 सैम्पल की जांच की जा चुकी है। जांच की सुविधा राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क उपलब्ध करायी जा रही है। सभी नौ सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में आरटीपीसीआर जांच की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। सासाराम स्थित निजी मेडिकल कॉलेज में भी आरटीपीसीआर जांच की जा रही है।
सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 100 बेड आरक्षित
स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर एम्स, पटना के साथ ही राज्य के सभी नौ मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में सिर्फ कोरोना संक्रमितों के इलाज को लेकर 100-100 बेड आरक्षित किये गए हैं। कोरोना यूनिट में तीनों पालियों में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की ड्यूटी लगायी गयी है।
82 फीसदी कोरोना संक्रमित होम आइसोलेशन में हो रहे ठीक
जानकारी के अनुसार, राज्य में 82 फीसदी से अधिक मरीज होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे हैं। वे स्वस्थ भी हो रहे हैं। जिला नियंत्रण कक्ष से इन मरीजों के इलाज की स्थिति पर नजर रखी जा रही है।