बिहार में कोरोना संक्रमित 90 फीसदी से अधिक मरीज ऑक्सीजन की कमी की समस्या को लेकर अस्पतालों तक पहुंच रहे हैं। इन मरीजों में दम फूलने की शिकायतें अधिक पायी जा रही हैं। इसके लिए इन्हें किसी अन्य दवा से ज्यादा ऑक्सीजन दिए जाने की आवश्यकता होती है।
ऐसे मरीज राज्य के सभी डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल (डीसीएच) में भर्ती होने के लिए आ रहे हैं। डेडिकेटेड कोविड अस्पताल एनएमसीएच, पटना के कोविड नोडल पदाधिकारी डॉ अजय सिन्हा के अनुसार, ऑक्सीजन की कमी की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचने वाले 90 फीसदी से अधिक संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन तत्काल मिलने से जीवन रक्षा में मदद मिल रही है।
दम फूलने पर ऑक्सीजन के स्तर की जांच जरूरी
डॉ. अजय सिन्हा के अनुसार, जैसे ही कोरोना संक्रमित में दम फूलने की शिकायत होती है, वैसे ही उसके ऑक्सीजन के स्तर की जांच जरूरी होती है। लोग अपने घरों में ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन के स्तर की जांच कर सकते हैं। 94 से अधिक ऑक्सीजन स्तर को बेहतर माना जाता है। 80 से 90 के बीच ऑक्सीजन स्तर है तो सतर्क होने की जरूरत है। लेकिन 80 से कम ऑक्सीजन स्तर होने पर मरीज को तत्काल आईसीयू में भर्ती किये जाने की जरूरत होती है। क्योंकि इसके बाद ऑक्सीजन का स्तर कम होते जाने से मरीज का जीवन खतरे में पड़ सकता है।
कोरोना की दवा से दस्त होने पर घबराने की जरूरत नहीं
कोरोना के विशेषज्ञ डॉक्टरों के मुताबिक, कोरोना संक्रमित मरीजों को एजिथ्रोमाइसिन या अन्य दवा से दस्त होने पर घबराने की जरूरत नहीं है। शरीर में दवायुक्त पानी चढ़ा कर या पेट के बल लेटने और लंबी सांस लेने से फेफड़े को राहत मिलती है और लंग्स के खुलने पर भरपूर ऑक्सीजन जाता है।
करीब 15 फीसदी मरीज अस्पतालों में इलाजरत
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि राज्य में करीब 15 फीसदी मरीज अस्पतालों में इलाजरत हैं। राज्य में अबतक 81 हजार 960 सक्रिय संक्रमित हैं। इनमें 85 फीसदी संक्रमित मरीज होम आइसोलेशन में इलाजरत हैं।