बिहार के नियोजित शिक्षकों को ऐच्छिक तबादले का लाभ लेने के लिए अभी कुछ दिन और इंतजार करना पड़ेगा। क्योंकि तबादले की नीति बनाने के लिए गठित कमेटी फिलहाल इसपर मंथन ही कर रही है। हालांकि दिसम्बर से ही प्रक्रिया तेज हो गयी है और माना जा रहा है कि एक-दो बैठकों के बाद कमेटी अपना प्रस्ताव विभाग को सौंप देगी।
बिहार शिक्षक नियोजन नियमावली में शिक्षकों के अपने नियोजन इकाई में ही तबादले का प्रावधान था। लेकिन, जुलाई 2020 में शिक्षकों की घोषित सेवाशर्त में शिक्षा विभाग ने दिव्यांग और महिला शिक्षकों को अंतरजिला तथा अंतर नियोजन इकाई तबादले की छूट सेवा अवधि में एकबार के लिए दी है। साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षकों में से करीब डेढ़ लाख को इसका सीधा लाभ मिलना है।
कमेटी का हुआ गठन
सितम्बर 2020 में शिक्षा विभाग ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक गिरिवर दयाल सिंह की अध्यक्षता में तबादले का फॉर्मूला तैयार करने के लिए एक कमेटी गठित की। कमेटी को एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया। हालांकि चुनावी अधिसूचना जारी होने के चलते आगे की कार्रवाई नहीं हो पायी। सरकार गठन के बाद दिसम्बर में तबादले के मामले ने जोर पकड़ा। अबतक कमेटी की दो बैठकें हो चुकी हैं। जल्द ही तीसरी बैठक भी होनी है।
सेवाशर्त में दी गई सुविधा का अध्ययन कर रही है कमेटी
कमेटी तबादले को लेकर मौजूदा प्रावधान और सेवाशर्त में दी गई सुविधा का अध्ययन कर रही है। ये तबादले चूंकि रिक्ति के आधार पर होने हैं, इसलिए ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। कमेटी में आईटी एक्सपर्ट को भी शामिल किया गया है और इसके लिए एक सॉफ्टवेयर भी बनाया गया है। जानकारी के मुताबिक अंतरजिला तबादले की चाह रखने वालों से अधिकतम तीन ऑप्शन मांगे जा सकते हैं। कमेटी यह भी देखेगी कि एक ही जगह पदस्थापना की चाह रखने वालों के दावे पर किस तरह निर्णय हो। इसके लिए वरीयता का आधार भी तय किया जाएगा। इस माह के अंत तक तबादले का फॉर्मूला तय हो जाने के आसार हैं।