बिहार में एक कुलपति संभाल रहे हैं चार विश्वविद्यालयों को, दो अन्य के पास भी दो-दो का कार्यभार

ललित नारायण मिथिला विश्विद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह को आर्यभट्‌ट ज्ञान विश्वविद्यालय का प्रभारी कुलपति बनाया गया है। प्रो. सिंह ललित नारायण मिथिला विश्विद्यालय के कुलपति हैं। साथ ही प्रो. सिंह के जिम्मे पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति का भी प्रभार है। आर्यभट्‌ट ज्ञान विश्वविद्यालय में प्रभारी कुलपति प्रो. एसएम करीम के इस्तीफा देने के बाद यह पद पिछले दिनों से रिक्त था।

अरुण कुमार अग्रवाल का कार्यकाल समाप्त होने के बाद एकेयू में 20 सितंबर 2020 के बाद से कोई नियमित कुलपति नहीं था और उस समय से वीसी का अतिरिक्त प्रभार प्रोफेसर करीम ही संभाल रहे थे। इससे पहले,बिहार राजभवन ने एसपी सिंह को ललित नारायण मिथिला विश्विद्यालय के अलावा पटना में पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय और मौलाना मज़हरुल हक अरबी और फारसी विश्वविद्यालय का अतिरिक्त प्रभार दिया सौंपा था।

एकेयू का प्रभार मिलने के बाद प्रोफेसर सिंह से जब यह पूछा गया कि कोरोना महामारी के बीच चार-चार विश्वविद्यालयों का दायित्व संभालने में कोई कठिनाई तो नहीं होगी तो उन्होंने कहा कि जब कोई जिम्मेदारी मिलती है तो उसे उठाना ही पड़ता है। उन्होंने कहा कि मैंने पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में वही किया है, जो पिछले ढाई वर्षों में नहीं किया गया था। अब मुझे जो भी अतिरिक्त प्रभार मिला है, उसे मैं पूरी निष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करूंगा।

प्रोफेसर सिंह के अलावा, टीएम भागलपुर विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर नीलिमा गुप्ता भी मुंगेर विश्वविद्यालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रही हैं, जबकि बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति हनुमान प्रसाद पांडे नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय (एनओयू) का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं।  ऐसा पहली बार नहीं है कि किसी वाइस चांसलर को बिहार में चार विश्वविद्यालयों तक का प्रभार दिया गया है। इससे पहले बिहार के पूर्व राज्यपाल स्वर्गीय देवानंद कुंवर के समय में भी हुआ था, जब कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर सरकार और राजभवन आमने सामने आ गए थे और मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया था।

कोरोना संक्रमण का डर विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और कर्मियों के मन में बढ़ता जा रहा है। विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के कई शिक्षक, प्राचार्य, कर्मचारी और पदाधिकारी संक्रमित हो चुके हैं। पटना विवि के कुलपति प्रो. गिरीश कुमार चौधरी भी संक्रमित हो चुके हैं और उनके स्थान पर  प्रतिकुलपति प्रो. अजय कुमार सिंह अभी कुलपति के प्रभार में हैं। संक्रमण के खतरों से सचेत करते हुए पटना  विविकर्मियों ने कुलपति से तत्काल विश्वविद्यालय को पूरी तरह बंद करने की मांग की है। पटना विवि कर्मचारी संघ के महासचिव दिलीप कुमार गुप्ता ने कुलपति को पत्र लिखकर यह गुहार लगाई है कि विश्वविद्यालय के  हित को ध्यान में रखते हुए तीन मई से 15 मई तक पीयू कैंपस को पूरी तरह बंद कर दिया जाए।

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