बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सोमवार को मधुबनी के लौकही में आसमान से खेतों में गिरे काले पत्थर को बिहार संग्रहालय में रखा जाएगा, ताकि आम लोग इस पत्थर को देख सकें। मुख्यमंत्री मंगलवार को विधानसभा के अपने कक्ष में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने अश्चर्य व्यक्त किया कि आसमान से इतना बड़ा पत्थर गिरा है। गौरतलब हो कि लौकही के एक खेत में यह पत्थर गिरा, जहां पर किसान काम कर रहे थे। पत्थर गिरने के बाद वहां से धुआं निकलने लगा। किसानों की सूचना पर सरकार के पदाधिकारी वहां पहुंचे और पत्थर को ले आए। एक भूगोलवेत्ता ने कहा कि इतने बड़े आकार का पत्थर गिरना मामूली बात नहीं है। पत्थर के विशेष अध्ययन करने पर ही कुछ कहा जा सकता है। इस पत्थर पर चुम्बक चिपक जा रहा है।
इससे पहले जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि कोरियाही चौक के बगल में धान के खेत में आसमान से गिरे काले पत्थर को लेबोरेटरी में जांच के लिए भेजा जाएगा। फिलहाल इसे जिला कोषागार में रखा जाएगा। इसे अहमदाबाद, इसरो या बिहार सरकार के साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग में भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि इस पत्थर को फिलहाल सुरक्षित रखा गया है, ताकि जांच के बाद पता चल सके कि आखिर यह क्या चीज है। उन्होंने बताया कि पत्थर को मुख्यालय मंगा लिया गया है।
लौकही में सोमवार को खेत में गिरा था काला पत्थर
लौकही के कौरियाही-ककहिया बधार में सोमवार दोपहर लगभग 12 बजे आसमान से एक पिंड गिरा। इससे खेत में काम कर रहे किसानों में अफरातफरी मच गई। प्रत्यक्षदर्शी किसानों ने बताया कि तेज आवाज के साथ पिंड जब खेत में गिरा तो धुआं निकलने लगा। गिरने के साथ वह लगभग छह फुट नीचे तक जमीन में चला गया। खेतों में काम कर रहे मजदूर वहां से भाग गए। थोड़ी देर बाद जब धुआं निकलना बंद हुआ तो सग वहां पहुंचे। कौरियाही के श्रवण यादव ने जमीन खोदकर उस काले रंग का पत्थर निकाला। सूचना के बाद लौकही के थानाध्यक्ष ने उस पत्थर को कब्जे में लिया। जब्ती सूची बनाकर वहां के सीओ को सौंप दिया।