बिहार में अब खाद, बीज व कीटनाशी के डीलरों को माप-तौल का भी लाइसेंस लेना होगा। जैविक खाद की व्यावसायिक इकाई लगाने वाले और इसके व्यापार से जुड़े डीलरों के लिए भी यह जरूरी होगा। नया लाइसेंस के लिए आवेदन करने के पहले यह व्यवस्था कर लेनी होगी। साथ ही, पुराने डीलरों को भी अब तीन महीने के भीतर माप-तौल का लाइसेंस ले लेना होगा।
कृषि विभाग ने राज्य में खाद, बीज व कीटनाशी के व्यापार में हो रही गड़बड़ी को देखते हुए नकेल कसना शुरू कर दिया है। पहले कालाबाजारी रोकने के लिए कई नये निर्देश जारी किये गये। अब घटतौली पर भी सरकार की नजर है। नई व्यवस्था के बाद कोई भी डीलर न तो कंपनी से मिली सील बोरे को तोड़कर उसमें से खाद निकाल पाएगा और न ही बीज विक्रेता तौल में गड़बड़ी कर सकेंगे। ऐसी शिकायत मिली तो विभाग उनपर कार्रवाई करेगा।
खास बात यह है कि विभाग का नया निर्देश छोटे-बड़े सभी व्यापारियों पर लागू होगा। प्रमंडल, जिला या राज्यस्तर पर व्यापार करने के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य है। नये आदेश की जानकारी कृषि निदेशक के रूप में काम कर रहे डीपी त्रिपाठी ने सभी जिला कृषि पदाधिकारियों को दे दिया है। साथ ही उन्हें अपने स्तर से पुराने डीलरों को भी सूचना देने को कहा गया है।
विभाग ने पहले लाइसेंसिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने का प्रयास किया था। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था की गई। साथ ही यह निर्देश भी दे दिया गया कि 31 जनवरी के बाद खाद, बीज व कीटनाशी के लिए ऑफलाइन आवेदन पर विचार नहीं होगा। इससे फर्जीवाड़ा पर रोक लगेगी और गलत लोगों को कृषि व्यापार करने की छूट नहीं मिलेगी।
व्यापारियों को परेशानी नहीं हो इसके लिए विभाग ने हर स्तर का समय तय कर दिया है। स्थल जांच से लेकर किरायानामा तक की जांच के लिए भी समय तय है। ऑनलाइन आवेदन के बाद हार्ड कॉपी भी जमा करनी होगी। हार्ड कॉपी जमा करने के एक महीने के भीतर आवेदक को या तो लाइसेंस निर्गत कर देना होगा या फिर आवेदन रद्द किये जाने की सूचना उसे उचित कारण के साथ बताना होगा। अब नई व्यवस्था में आवेदकों को माप-तौल का लाइसेंस भी साथ में देना होगा। इसी के साथ अगर व्यापारी वाट का प्रयोग करते हैं तो उन्हें बाटों का मुहरांकन भी कराना होगा।
डीलरों की संख्या
30 लाख टन खाद की बिक्री होती है
25 हजार खाद के डीलर हैं
32 सौ डीलर है कीटनाशक के