बिहार के मुंगेर जिले के तारापुर विधानसभा क्षेत्र से लगातार दूसरी बार जदयू के टिकट पर विधायक बने डॉक्टर मेवालाल चौधरी का कोरोना संक्रमित होने के कारण इलाज के दौरान निधन हो गया। सोमवार के सुबह 4:30 बजे पटना के पारस अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली।
मेवालाल चौधरी की तबीयत पिछले 5 दिनों से खराब थी। उनको सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। एंटीजन टेस्ट में मेवालाल चौधरी की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी लेकिन आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट में वह पॉजिटिव पाए गए थे। पॉजिटिव रिपोर्ट आते ही मेवालाल इलाज कराने पटना पहुंचे। लेकिन पीएमसीएच में बेड नहीं मिलने के कारण उन्हें पारस अस्पताल में एडमिट होना पड़ा। मेवालाल चौधरी की तबीयत में सुधार नहीं होते देख डॉक्टरों ने उन्हें रविवार की रात वेंटिलेटर पर रखा। लेकिन संक्रमण अधिक फैल जाने से उनकी मौत सोमवार की अहले सुबह 4:30 बजे हो गई।
डॉक्टर मेवालाल चौधरी 2015 के बाद तारापुर से लगातार विधायक थे। तारापुर के कमरगामा गांव में विधायक के निधन की खबर सुनते ही ग्रामीणों के बीच कोहराम मचा हुआ है। क्षेत्र में उनके चाहने वाले समर्थकों के बीच भी शोक की लहर दौड़ गई है। मेवालाल चौधरी तारापुर विधानसभा क्षेत्र से लगातार दूसरी बार विधायक रहे। 2020 कि विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें शिक्षा मंत्री के पद की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। मेवालाल चौधरी भागलपुर के सबौर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति भी रहे। कुलपति रहते हुए मेवालाल पर नियुक्ति घोटाले का आरोप लगा था। 2 वर्ष पहले उनकी पत्नी व तारापुर की पूर्व विधायक नीता चौधरी की झुलसने से मौत हो गई थी।
सोमवार तक बच जाते विधायक तो कोविड को दे सकते थे मात
मेवालाल चौधरी के पीए शुभम के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार डॉक्टर उनके स्वास्थ्य से जुड़ी पल पल की खबर ले रहे थे। लेकिन फेफड़े में संक्रमण के अधिक फैल जाने से डॉक्टरों का प्रयास विफल हो गया और उनकी मौत सोमवार की सुबह 4:30 बजे हो गई। शुभम ने बताया कि डॉक्टरों के अनुसार यदि विधायक मेवालाल चौधरी सोमवार तक बच जाते तो उनकी जान बच सकती थी। लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था और सोमवार सुबह 4:30 बजे ही उनका स्वर्गवास हो गया।