बिहार के अब ग्राम पंचायतों में योजनाओं में ऑनलाइन भुगतान अनिवार्य, जानें कब से होगा लागू

बिहार में अब ग्राम पंचायतों में 15वें वित्त आयोग की राशि से होने वाली सभी योजनाओं में खर्च की राशि का ऑनलाइन भुगतान अनिवार्य कर दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 से अर्थात अप्रैल से यह लागू होगी। इसको लेकर पंचायती राज विभाग ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। 

ऑनलाइन भुगतान के लिए संबंधित पदाधिकारियों और त्रिस्तरीय ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों का डिजिटल हस्ताक्षर लिया जा रहा है। यह व्यवस्था जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायत तीनों में लागू होगी। मालूम हो कि 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा से मिलने वाली राशि उक्त तीनों में वितरित होती है। 70 प्रतिशत ग्राम पंचायत, 20 प्रतिशत पंचायत समिति और दस प्रतिशत जिला परिषद को दिये जाते हैं। अब योजनाओं की राशि के भुगतान के लिए चेक नहीं काट पाएंगे मुखिया व अन्य प्रतिनिधि। अब पंचायत के खाते से राशि सीधे संबंधित व्यक्ति अथवा एजेंसी के खाते में चली जाएगी। एक-एक पैसा का हिसाब भारत सरकार के पोर्टल ई ग्राम स्वराज पर दिखेगा। किस योजना में किस दिन किसे कितनी राशि दी गई, इसका पूरा विवरण स्वत: पोर्टल पर दिखेगा। 

केंद्र और राज्य सरकार कंप्यूटर पर एक क्लिक से पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे। इससे योजनाओं की मॉनिटरिंग आसान होगी। साथ ही योजना के क्रियान्वयन में तेजी आएगी। गौरतलब हो कि 15वें वित्त आयोग की राशि से सामुदायिक भवन का निर्माण, कुओं का जीर्णोद्धार, नल-जल, पार्क का निर्माण, स्वच्छता, शौचालय आदि लोगों की सुविधा के लिए अन्य कार्य भी किये जाते हैं।   

कैसे होगा राशि का भुगतान 
पीएफएमएस (पब्लिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम) सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन भुगतान होगा। पदाधिकारियों और प्रतिनिधियों का डिजिटल हस्ताक्षर रजिस्टर्ड होगा। पीएफएमएस से सभी पंचायतों का खाता लिंक रहेगा। प्रतिनिधि और कर्मी के डिजिटल हस्ताक्षर से राशि जारी होगी। इसमें पंचायतों में कार्यरत कार्यपालक सहायक तकनीकी मदद करेंगे। प्रतिनिधि का एक पासवर्ड भी होगा, जिसे डालने के बाद ही राशि का भुगतान हो सकेगा। जिला परिषद से पंचायत स्तर तक ही यह व्यवस्था की गई है। वार्ड स्तर पर अभी नहीं। 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com