मुंबई । यदि आपने भी अपना खुद का घर बनाने का सपना देखा है और बिल्डर के चुंगल में फंस गए हैं तो बांबे हाईकोर्ट का आज का फैसला आपके लिए नींव का पत्थर साबित हो सकता है। आमतौर पर हम देखते हैं कि बिल्डर अपना फ्लैट या घर बेचते समय लुभावने वादे और सपने दिखाते हैं लेकिन पैसा वसूलने के बाद फ्लैट या घर देने में काफी देरी करते हैं। ऐसे बिल्डरों को सबक सिखाने के लिए बांबे हाईकोर्ट ने एक मामले में अहम फैसला सुनाया है। बांबे हाईकोर्ट ने रियल स्टेट डेवलपर रिनायसांस इंफ्रास्ट्रक्चर को निर्देश दिया है कि वह उस व्यक्ति को मुआवजे के रूप में 5.04 करोड़ रुपये का भुगतान करे, जिसे उसने 80 महीने की देरी के बाद भी मुंबई में उसकी संपत्ति नहीं सौंपी थी।