कोरोना का प्रकोप कम होने के बाद लापरवाही बढ़ने लगी है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन तक नहीं किया जा रहा। सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में संक्रमण से बचाव के इंतजामों का हाल और बुरा है। रोडवेज बसों में संक्रमण बचाव के इंतजाम कागजी बन गए हैं।
आलम यह है कि रूट पर दौड़ रही बरेली और रुहेलखंड डिपो की 350 से अधिक रोडवेज बसों में एक पर भी थर्मल स्कैनिंग मशीन तक नहीं है। एक जगह से दूसरी जगह सफर करने वालों से संक्रमण का डर है। बावजूद इसके रोडवेज अफसर इस दिशा में लापरवाह बने हुए हैं।
रोडवेज बसों में ड्यूटी पर जाने वाले परिचालकों को सेनेटाइजर तक उपलब्ध नहीं कराया जा रहा। बिना मास्क सफर की इजाजत ना देने वाले नियम का भी पालन नहीं हो रहा। बस अड्डे पर भी संक्रमण बचाव के पर्याप्त इंतजाम नहीं है।
शहर के दोनों बस अड्डों पर लंबे समय से जांच के लिए कोई कैंप नहीं लगाया गया है। इसको लेकर रोडवेज यूनियनों ने सवाल भी उठाए हैं।