बारिश: जून की बारिश ने तोड़ा पिछले 10 साल का रिकॉर्ड, जानें मौसम का हाल

वाराणसी में हुई जोरदार बारिश ने पिछले 10 वर्षों के दौरान जून महीने की सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड तोड़ दिया। मौसम कार्यालय के अनुसार, वाराणसी में रिकॉर्ड 107.8 मिमी बारिश हुई। इससे पहले सन-2015 में 29 जून को 103.8 मिमी बारिश का रिकॉर्ड था।

जून में अब तक की सबसे अधिक बारिश का रिकार्ड 26 जून 1978 का है जब 245.2 मिमी बारिश हुई थी। गुरुवार की बारिश ने पूरे शहर को पानी में डूबो दिया। सड़कों पर  कहीं घुटने तक तो कहीं कमर भर जलजमाव हुआ। 

सुबह 5.40 बजे से शुरू हुई तेज बारिश अगले 10 घंटे तक लगातार होती रही। बीच में उसकी रफ्तार कम हुई, क्रम नहीं बंद हुआ। शाम चार बजे के आसपास बारिश रूकी मगर बादल छाए रहे। लगातार बारिश के कारण तापमान में भी खासी गिरावट हुई।

गुरुवार को अधिकतम तापमान सामान्य से 12 डिग्री नीचे 27 डिग्री सेल्सियस पर जा पहुंचा। बाबतपुर स्थित मौसम कार्यालय के मुताबिक शाम 5.30 बजे तक 107.8 मिलीमीटर बारिश हुई।  मौसम विज्ञानियों का मानना है कि बारिश शुक्रवार को भी जारी रह सकती है। हवा अगर तेज चली तो बारिश कम भी हो सकती है।

 उधर, बारिश से बदले मौसम ने दिहाड़ी काम करने वालों के लिए समस्या खड़ी कर दी। वहीं, तमाम लोग मौसम का मजा लेने के लिए वाहनों से सड़कों और घाटों की तरफ भी निकल गए थे। दशाश्वमेध से लेकर अस्सी घाट की सीढ़ियों पर झरने की तरह पानी गिरता रहा। युवा यहां बारिश का आनंद लेते दिखे।

तारों पर गिर पेड़, आधे से अधिक उपकेन्द्र कर रहे ट्रिप

 बारिश ने बिजली आपूर्ति को भी बुरी तरह प्रभावित किया। कई इलाकों में पांच से 12 घंटे तक बिजली रही। तारों पर पेड़ या उनकी डालियां गिरने, ट्रांसफार्मरों का जंफर उड़ने तो कहीं पोल में करंट उतरने की शिकायत पर बिजली आपूर्ति ठप रही। हथुआ मार्केट में लगा एक ट्रांसफार्मर बारिश के बीच ही जल उठा।

नई सड़क पर पानी जमा होने से ट्रांसफार्मर चालू नहीं किया जा सका। शहर के 45 उपकेंद्रों के आधे से अधिक फीडर देर रात तक ट्रिप करते रहे। रामनगर, औसानगंज, लंका, चौक समेत कई इलाकों में पोल में करंट उतर गया। बड़ालालपुर में पेड़ गिरने से आपूर्ति रोकी गई।

रामापुरा, पांडेयपुर, शंकर तालाब, प्रेमचंद्र नगर, आवास विकास, टकटकपुर की शिवनगर कालोनी, सरायनंदन, खोजवां, कबीरनगर, मैदागिन, पिपलानी कटरा आदि इलाकों में चार से पांच घंटे बिजली आपूर्ति बाधित रही। इसमें कई इलाकों में देर शाम तक आपूर्ति नार्मल नहीं हो सकी थी।

बिजली कर्मचारी बारिश रूकने का करते रहे इंजतार
बारिश में कई उपकेन्द्रों के फीडर ट्रिप कर गए। तब उपकेंद्र के फोन भी घनघनाने लगे। बिजली कर्मचारी बारिश रूकने का इंजतार करते रहे। बारिश बंद होने पर फाल्ट दूर करने में लग गए।

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