बारिश और तेज हवाओं ने बृहस्पतिवार को दिल्ली की हवा साफ कर दी। 24 घंटे में इसकी गुणवत्ता में 28 अंकों का सुधार आया। गुणवत्ता संतोषजनक और औसत दर्जे की सीमा पर बनी हुई है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक 106 पर रिकॉर्ड किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का पूर्वानुमान है कि शुक्रवार को हवा की गति धीमी होने से एक बार फिर गुणवत्ता खराब होगी। अगले दो दिन तक इसमें सुधार होने की उम्मीद नहीं है।
उधर, सफर का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ के असर से मौसम में बदलाव हुआ है। सुबह कई इलाकों में तेज बारिश हुई। वहीं, दिनभर 15-20 किमी प्रति घंटे की गति से हवाएं चलीं, जबकि मिक्सिंग हाइट सामान्य से ऊपर चली गई थी।
दूसरी तरफ पुरवा हवाएं चलने से पंजाब व हरियाणा से धुआं दिल्ली नहीं पहुंच रहा है। राजधानी के प्रदूषण में पराली के धुएं का हिस्सा चार फीसदी के इर्द-गिर्द है।
दिल्ली की हवा बुधवार की तुलना में बृहस्पतिवार को बेहतर हुई। बुधवार के 134 की जगह बृहस्पतिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 106 रहा। दूसरी तरफ धूल के महीन कणों पीएम 10 व पीएम 2.5 की मात्रा 100 से नीचे आ गई।
दोनों प्रदूषक संतोषजनक स्तर पर रहे। आंकड़े बताते हैं कि पांच अक्तूबर के बाद पहली बार दिल्ली की हवा इस स्तर तक साफ हो गई है, तब सूचकांक 98 था।
अगले दो दिन खराब होगी हवा
सीपीसीबी का पूर्वानुमान है कि शुक्रवार को हवा की गति 8 किमी प्रति घंटा रहेगी, जबकि अगले दिन इसकी गति 6 किमी प्रति घंटा पहुंचने का अंदेशा है। इस दौरान मिक्सिंग हाइट में भी गिरावट आएगी। मौसम में होने वाले इस बदलाव से अगले दिनों में हवा की गुणवत्ता खराब होगी।
शुक्रवार को यह औसत दर्जे व खराब रहेगी, जबकि शनिवार को इसके बेहद खराब स्तर पर पहुंचने का अनुमान है। थोड़ी राहत पराली के धुएं की मात्रा चार से पांच फीसदी के बीच बने रहने से है। इससे किसी बाहरी कारक का असर दिल्ली के प्रदूषण में नहीं रहेगा।