बागपत में गुरुवार सुबह हुए नाव हादसे के बाद ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया. हादसे से आक्रोशित ग्रामीणों ने दिल्ली-सहारनपुर हाईवे जाम कर दिया. इस दौरान लोगों ने हाईवे पर खड़ी कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया और सुरक्षाकर्मियों पर पत्थर भी फेंके.
मौके पर पहुंचे डीएम और एडिशनल एसपी भी ग्रामीणों के तांडव के आगे मूकदर्शक बने रहे. आलम यह था कि डीएम को भागकर जान बचानी पड़ी.
इससे पहले आज सुबह कोतवाली काठा इलाके में यमुना नदी में यात्रियों से भरी नाव पलट गई. रिपोर्ट लिखे जाने तक 22 लोगों के शव निकाले जा चुके थे, जबकि 12 लोगों को बचाया गया है जिनका इलाज अस्पतालों में चल रहा है. अभी भी करीब एक दर्जन से ज्यादा लोग लापता हैं. बताया जा रहा है कि नाव में 40 से ज्यादा लोग सवार थे. हादसे का शिकार हुए सभी लोग मजदूर थे और मजदूरी करने हरियाणा जा रहे थे.
राहत बचाव कार्य देर से शुरू होने की वजह से ग्रामीण आक्रोशित हो गए. उनका आरोप है कि पुलिस और प्रशासन ने अगर तत्परता दिखाई होती तो कईयों की जान बच सकती थी. इसके बाद लोगों ने दिल्ली सहारनपुर हाईवे जाम कर दिया और गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. मौके पकार पहुंची पुलिस ने जब लाठी चार्ज किया तो ग्रामीण और भड़क गए. उन्होंने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी. जिसके बाद डीएम समेत अन्य आलाधिकारी मौके से जान बचाकर भागे.इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों के लिए दो-दो लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.