बाइडन से यह पूछा गया कि क्या उनके पास फेसबुक जैसे मंचों के लिए कोई संदेश है जहां कोरोना वायरस टीकों के बारे में गलत या भ्रामक सूचना फैल रही है, इस पर उन्होंने कहा, ”वे लोगों की जान ले रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमारे यहां सिर्फ उन लोगों में महामारी है जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है।” मूर्ति ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोविड-19 के बारे में गलत सूचना जानलेवा है जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ”किसी समस्या के बारे में ऐसी अत्यधिक सूचनाएं बताया हैं जो आमतौर पर अविश्वसनीय होती है, तेजी से फैलती है तथा जिससे किसी समाधान पर पहुंचना और मुश्किल हो जाता है।
उन्होंने व्हाइट हाउस में कहा, ”गलत सूचना से हमारे देश के स्वास्थ्य को घातक खतरा पहुंचता है। हमें एक देश के तौर पर गलत सूचना से लड़ना चाहिए। जिंदगियां इसके भरोसे हैं। स्वास्थ्य पर गलत सूचनाएं फैलाने में इंटरनेट की भूमिका का जिक्र करते हुए मूर्ति ने कहा कि प्रौद्योगिकी कंपनियों और सोशल मीडिया मंचों को गलत सूचना फैलने से रोकने के लिए अपने उत्पादों तथा सॉफ्टवेयर में सार्थक बदलाव करने चाहिए। इस बीच फेसबुक के प्रवक्ता डेनी लीवर ने जवाब दिया, ”हम आरोपों से विचलित नहीं होंगे जो तथ्यों पर आधारित नहीं हैं। असल तथ्य यह है कि दो अरब से अधिक लोगों ने फेसबुक पर कोविड-19 और टीकों पर प्रामाणिक सूचना देखी जो इंटरनेट पर किसी भी अन्य मंच से अधिक है।
लीवर ने कहा, ”अमेरिका के 33 लाख से अधिक लोगों ने हमारे उस वैक्सीन टूल का इस्तेमाल किया कि जिसमें यह जानकारी दी गयी कि कहां और कैसे टीका लगवाएं। तथ्य दिखाते हैं फेसबुक जिंदगियों को बचाने में मदद कर रहा है। टि्वटर ने अपने मंच पर लिखा, ”दुनियाभर में कोविड-19 महामारी फैलने के बीच हम प्रामाणिक स्वास्थ्य सूचना बढ़ाने के लिए अपना काम जारी रखेंगे।