बसपा ने मिशन-2022 को फतह करने के लिए एक्शन प्लान तैयार कर लिया है। प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में अधिकतर में नए चेहरों पर दांव लगाने की योजना पर काम हो रहा है। बसपा की परंपरागत सीटों पर जहां वह जीतती आई है वहां पुरानों को एक बार फिर मौका दिया जाएगा। बसपा सुप्रीमो के पास प्रदेश के अधिकतर मंडलों से सेक्टर प्रभारियों ने उम्मीदवारों के नामों का पैनल भेज दिया है। जानकारों की मानें तो विधानसभा प्रभारियों के नामों की घोषणा जल्द शुरू कर दी जाएगी, जिससे उन्हें तैयारी के लिए ठीक से मौक मिल सके।
जातीय समीकरण के आधार पर टिकट
बसपा सुप्रीमों ने टिकट बंटवारे का फार्मूला वर्ष 2017 की अपेक्षा बदल दिया है। वर्ष 2017 के चुनाव में सवर्ण 113, अन्य पिछड़ा वर्ग 106, मुस्लिम 97 और 87 दलित उम्मीदवारों को टिकट दिया गया था। पार्टी सूत्रों की मानें तो इस बार टिकट बंटवारे के लिए फार्मूला बदल दिया गया है। इस बार सबसे अधिक ब्राह्मण समाज को टिकट दिया जाएगा। इसके बाद ओबीसी और दलित समाज को टिकट दिया जाएगा। मंडलीय मुख्य सेक्टर प्रभारियों से इसके आधार पर ही उम्मीदवारों के नामों का पैनल मांगा गया था। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अधिकतर मंडलों से उम्मीदवारों के नामों का पैनल मिल चुका है। कुछ मंडलों जिनका पैनल अभी तक नहीं मिला है उन्हें अगस्त के पहले हफ्ते तक अनिवार्य रूप से देने के लिए कहा गया है।
मंडलों में होगी प्रभारियों की घोषणा
बसपा पुरानी प्रथा के अनुसार पहले विधानसभा प्रभारियों की घोषणा करेगी। इन्हें ही आगे चलकर उम्मीदवार बनाया जाएगा। विधानसभा प्रभारियों की घोषणा मंडलीय सम्मेलनों में किया जाएगा। नामों की घोषणा होने के साथ ही विधानसभा प्रभारी अपने-अपने क्षेत्रों में चुनावी तैयारियों में जुट जाएंगे। मंडलीय और जिला सेक्टर प्रभारी भी इनके समर्थन में छोटी-छोटी बैठकें करते हुए पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने का काम करेंगे। बसपा सुप्रीमो का मानना है कि भाजपा सरकार के कामकाज से लोगों में नाराजगी है। इसलिए इसको भुनाने के लिए बसपा सरकार के कामों को बताया जाएगा।