बलिया: स्वास्थ्य विभाग में निलंबित लिपिक दया शंकर वर्मा की सीएमओ आवास के पीछे स्थित कार्यालय में बुधवार को उनकी आलमारियों के ताले सिटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में तोड़कर कर रिकार्ड खंगाले गए। यह आलमारियां उनके निलंबित होने के बाद से ही बंद पड़ी थी। इससे सरकारी कार्य बाधित होने के साथ ही कई कर्मचारियों का वेतन रोक दिया गया था।
जिले के चर्चित लिपिक दया बाबू को 9 जुलाई 2017 को शासन ने निलंबित कर दिया था। इन्होंने इसके बाद तीन अगस्त 2017 को स्थगन आदेश लाकर विभाग को दिए। इसके बाद से ही उनके में रखी आठ आलमारी बंद चल रही थी। इसमें विभाग के कर्मचारियों के रिकार्ड समेत योजनाओं की फाइलें थी। विभाग द्वारा बार-बार मांगे जाने पर भी आलमारी नहीं खोली गई। इसकी रिपोर्ट सीएमओ डा. एसपी राय ने विभाग के उच्चाधिकारियों समेत जिलाधिकारी को दी। इन आलमारियों में बंद कागजात के कारण कई कर्मचारियों का वेतन तक बाधित हो गया था। इस पर जिलाधिकारी भवानी सिंह खगारौत कठोर कदम उठाते हुए सिटी मजिस्टेट मनोज पांडेय के नेतृत्व में टीम बना कर आलमारियों का ताला तोड़ने का निर्देश दिया। इस पर सिटी मजिस्ट्रेट समेत सीओ सिटी हितेंद्र कृष्ण, एसीएमओ डा. हरपाल सिंह , डा. संजय सिंह आदि की मौजूदगी में वीडियो रिकार्डिंग की निगरानी में आलमारियों का ताला तोड़ा गया। इसके बाद नए लिपिक मुकेश भरद्वाज को चार्ज दिया गया। इसको लेकर पूरे दिन विभाग में हड़कंप मचा रहा।