वाराणसी-छपरा रेलखंड पर मंगलवार को की-मैन की सूझबूझ से रेल हादसा टल गया। बांसडीहरोड रेलवे स्टेशन के पूर्वी केबिन के पास पटरी क्रैक हो गई थी, जिसपर समय रहते की-मैन की नजर पड़ गई और उसने तत्परता दिखाते हुए डाउन उत्सर्ग एक्सप्रेस को लाल सिग्नल देकर रुकवा दिया।
बांसडीहरोड रेलवे स्टेशन पर मंगलवार को उत्सर्ग एक्सप्रेस के आने की सूचना स्टेशन कर्मचारियों को मिली। स्टेशन कर्मचारियों ने उत्सर्ग को पास कराने के लिए सिग्नल दे दिया था। ट्रेन पश्चिमी सिग्नल से पार करते हुए बांसडीहरोड रेलवे स्टेशन से निकल गई।
इस बीच की-मैन रंजीत कुमार तिवारी ने स्टेशन अधीक्षक को सूचना दी कि रेलवे ट्रैक 5401 खंभा के पास टूटा हुआ है। की-मैन की सूचना पर पश्चिमी होम सिग्नल को रेड कर दिया गया। उधर की-मैन ने सिग्नल के पास पहुंचकर लाल झंडी दिखाई। उत्सर्ग एक्सप्रेस के चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया। करीब आधा घंटा ट्रेन रूकी रही।
की-मैन रंजीत कुमार तिवारी और गेट मैन पिंटू कुमार ने ट्रैक को क्लैंप लगाकर उत्सर्ग को अपने अधिकारियों के निर्देश के बाद पास करवाया। उधर सियालदह अप एवं सारनाथ अप को 10 की स्पीड से कॉशन पर चलाया गया।
बाकी ट्रेनों को 30 की स्पीड से चलाई गई। बताते हैं यहां का रेलवे ट्रैक 1995 के बाद से नहीं बदला गया, जबकि नियम हर 10 साल में ट्रैक बदलने का है।
डीआरएम वाराणसी एस के कश्यप ने कहा कि पुराने रेलवे ट्रैक को शेड्यूल के हिसाब से बदला जाएगा। तब तक नियमित रूप से पटरी की देखरेख की जा रही है। जल्द ही इस रेलखंड पर पुरानी पटरी की जगह नई पटरी बिछाई जाएगी।