बलिया: निर्भया को लेकर बेतुका बयान देने वाले CMO ने मांगी माफी, कहा- जल्द होगी डॉक्टर की नियुक्ति

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निर्भया (Nirbhaya) के नाम पर खुले अस्पताल में डॉक्टरों की तैनाती न होने से नाराज ग्रामीणों के धरना देने पर बलिया सीएमओ (CMO) ने दिया था विवादित बयान. बाद में सीएमओ ने कहा कि वह किसी की भी भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते थे.

बलिया. निर्भया के गांव में पिछले कई सालों से बदहाल स्थित का सामना कर रहे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) में डॉक्टरों की नियुक्ति (Appointment Of Doctor) को लेकर लेकर गांव के लोगों द्वारा शुरू किया धरना (Protest) शुक्रवार को सकारात्मक पहल के साथ खत्म हो गया. गांव में अनशनकारियों के बीच पहुंचे सीएमओ (CMO) डॉ. पीके मिश्र और एसडीएम सदर अश्विनी कुमार श्रीवास्तव निर्भया के बाबा को माला पहनाकर गले मिले और गांव के अस्पताल में डॉक्टर की तैनाती की घोषणा की.

सप्ताह में 6 दिन रहेंगे डॉक्टर
एसडीएम सदर अश्विनी कुमार श्रीवास्तव के साथ अनशनकारियों को जूस पिलाकर अनशन खत्म कराया. साथ ही उन्होंने निर्भया के गांव में बने अस्पताल पर सप्ताह में 6 दिन डॉक्टर के बैठने का भरोसा भी दिलाया. गांव मेढ़वरा कलां में ग्रामीणों के बीच सीएमओ डॉ. पीके मिश्र ने अपने बयान पर भी खेद जताया. सीएमओ डॉ. प्रीतम मिश्र ने अपने बयान को लेकर स्पष्ट किया कि वह किसी की भी भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते थे. वे न सिर्फ निर्भया के गांव के सम्मानित नागरिकों का, बल्कि बलिया की समस्त जनता की सेवा के लिए सदैव तत्पर व कृत संकल्पित हैं. आपको बता दें कि सीएमओ पीके मिश्रा ने निर्भया पर अभद्र टिप्पणी करते हुए उनके बाबा से कहा था कि इतनी ही दिक्कत थी तो उसे दिल्ली क्यों भेज दिया. उसे यहीं रखना चाहिए था.

जहां कोई नहीं पढ़ा डॉक्टरी, वहां नहीं देंगे डॉक्टर
दरअसल, निर्भया के पैतृक गांव में उसके नाम पर तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा अस्पताल बनवाया गया था. लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों की तैनाती न होने की वजह से निर्भया के परिजन धरने पर बैठे थे. इसी दौरान वहां पहुंचे सीएमओ ने निर्भया के परिजनों के साथ अभद्र व्यवहार किया था. साथ ही यह भी कहा था कि जिस गांव में कोई डॉक्टरी पढ़ा नहीं, उस गांव के अस्पताल में डॉक्टर नहीं देंगे.

निर्भया को भी किया अपमानित
बलिया के सीएमओ डॉ. प्रीतम कुमार मिश्र ने कहा था, ‘आज तक निर्भया के गांव में कोई डॉक्टरी तो पढ़ा नहीं और इन्हें डॉक्टर चाहिए. पहले इस गांव में कोई डॉक्टरी पढ़े, फिर इसी अस्पताल में डॉक्टर बन जाओ. इस गांव ने डॉक्टर तो बनाया नहीं तो अस्पताल क्यों खुलवाया? हम कहां से डॉक्टर लाएं. जितने पद हैं, उतने डॉक्टर ही पैदा नहीं होते. अस्पताल हमने नहीं बनवाया, जिसने बनवाया उससे मांगे.’ इतना ही नहीं सीएमओ ने निर्भया को भी नहीं छोड़ा और उसे भी अपमानित किया. सीएमओ ने कहा, ‘कौन है निर्भया? अगर वह डॉक्टरी पढ़ रही थी तो दिल्ली क्यों गई?

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