लखनऊ । विगत बीस वर्षो से एक बार लक्ष्मण गुप्ता तो दूसरी बार संजय उपाध्याय ने बलिया की सरकार बनाई और टैक्स के बोझ बलिया की आवाम पर लादते गए । विकास के लिए केंद्र और राज्य से मिला धन वापस चला जाता है । लेकिन बीस वर्षों से दाखिल-खरिज के नाम पर मालियत का 2 प्रतिशत सूबे का इकलौता ऐसा नगर पालिक बलिया ही है जो वसूलती है । सभासद कई बार बोर्ड की बैठक में इसे समाप्त करने की मुद्दा उठाते है लेकिन चेयरमैन साधना गुप्ता ने भरी-भरकम टैक्स को कम नही किया उलटे तहबाजारी सहित कई टैक्स और बलिया वासियो पर लाद दिया । इसी वजह से लक्ष्मण गुप्त को विधान सभा चुनाव में नगर की जनता ने वोट नही दिया जिससे इन्हें हार का सामना करना पड़ा । समय रहते चेयरमैन इस टैक्स को कम या समाप्त नही किया तो चुनाव में इन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी ।
अगर आप बलिया नगर पालिका सीमाअंतर्गत कोई मकान या आवासीय जमीन खरीदने जा रहे है तो सम्भल जाइए क्योकि नगर पालिका आपसे मोटी दाखिल-खरिज चार्ज वसूलेगी तभी आपका नाम दर्ज होगा । उदाहरण स्वरूप आप 50 लाख का मकान बलिया में खरीदा उस मकान पर अपना नाम नगर पालिका में दर्ज कराने जाएगे तो आपको 1 लाख रुपया दाखिल-खरिज चार्ज जमा करना होगा ऊपर से सुविधा शुल्क अलग ।आपको यह जानकर हैरानी होगी क़ि इतनी बड़ी रकम लखनऊ में आप मकान खरीदेगे तो भी नही देना पड़ेगा ।
हरदोई नगर पालिका में 500 रुपया, बाराबंकी में 1000 से 2000 के बीच लखनऊ नगर निगम में 2500 और उन्नाव नगर पालिका में 100 से 5000 के बीच दाखिल खरिज चार्ज देना पड़ता है । स्थानीय सभासद ने कई बार इसका विरोध किया लेकिन निवर्तमान चेयरमैन संजय उपाध्या और वर्तमान चेयरमैन साधना गुप्ता के कानों में जू तक नही रेगी । सभासद इस मुद्दे पर कई बार बोर्ड की मीटिंग कराने की मांग कर चुके है । चेयरमैन द्वारा बैठक इस विषय पर बोर्ड की बैठक नही किया जाता ।
सूत्रों की माने तो दाखिल-खारिज से बड़ी राजस्व नगर पालिका को मिलता है जिसका ठेकेदारों के माध्यम से नाली सफाई जैसे कार्य दिखकर लूट लिया जाता है । इसका विरोध करने वाले सभासद मनोज गुप्ता,गुडडु चौधरी,राहुलरस्तोगी सुभाष जी वर्मा ने प्रस्ताव लाया लेकिन चर्चा नही कराया गया जिससे बलिया नगर की जनता 2 प्रतिशत चार्ज देने के लिए मजबूर है ।
इस सम्बन्ध में बलिया की जनता का कहना है कि विकास बलिया में नही के बराबर है सीवर वर्षो पहले डाला गया लेकिन चालू आजतक नही हुआ । दाखिल-ख़ारिज चार्ज इतना है कि हिम्मत ही नही होता की नाम दर्ज कराया जाए । आने वाली नगर पालिका चुनाव में इन्हें सबक सिखाना है । अब वही जीतेगा जो जनता के हित में काम करेगा ।