बलिया : राजधानी मार्ग पर बहेरी गेट के पास कटहल नाले पर ध्वस्त हो चुकी पुरानी पुलिया का मलबा आज भी जस का तस पड़ा है। वहीं पुलिया के किनारे खड़ा नीम का पेड़ सीधे हादसे को दावत दे रहा है। नाले के पानी से अगल-बगल की मिट्टी कटती जा रही है। इसी पुरानी पुलिया के पास वाहन स्टैंड भी है, जहां पूरे दिन सैकड़ों लोग रहते हैं। ऐसे में यह पेड़ जमींदोज हुआ तो यहां निश्चित तौर पर अनहोनी की भी संभावना है। विडंबना कहें तो करीब दो साल पूर्व बहेरी पुल से सटे वर्षों पूर्व बनी पुरानी पुलिया पर एक भारी वाहन के गुजर जाने से यह टूट गई थी। इस पुल के काफी पुराना होने के कारण इस पर वाहनों का आवागमन वर्षों पहले ही बंद कर दिया गया था। ऐसे में इसके बाद भी भूलवश कोई भारी वाहन वाला इस पर चला गया, जिससे यह पुलिया टूट गई। ऐसे में बड़ी बात तो है कि नाले में उसी समय से पुलिया का मलबा पड़ा है लेकिन इसे आज तक हटाया नहीं जा सका। इस पुलिया का मलबा व लोहे का प्लेट भी आज तक इसी में पड़ी है। ऐसे में इसके ठीक किनारे पर खड़ा नीम का बड़ा पेड़ भी इसकी वजह से धीरे-धीरे टेढ़ा होने लगा है। पेड़ के नीचे जड़ वाले हिस्से की मिट्टी के धीरे-धीरे कटते जाने से यह नीचे से पूरी तरह कमजोर हो चला है।