बलिया। जिस राज्य में मेहनत करने वाला हाथ थम जाए तो समझ लेना उस प्रदेश का मुखिया निरंकुश हो गया है यह बात बलिया शहर के फुटपाथ पर 12 घण्टे चिलचिलाती धूप में मेहनत करके अपने परिवार के लिए दो जून की रोटी का इंतजाम करने वाले उन वेवश मजदूरों ने कही । पटरी दुकानदार अपनी दुकान लगाने के लिए जगह की मांग कर रहे है लेकिन कोई सुनने वाला नही दूसरी तरफ इनके बच्चे भूख से बिलबिला रहे है।
पटरी दुकानदार न्याय के लिए बलिया के ऐतिहासिक शहीद चौक में तीन दिन से धरना दे रहे है ताक़ि सरकार के नुमाइंदे इनकी फरियाद सुन ले और इनके परिवार के रोजी-रोटी का इंतजाम हो जाए।
बलिया के शहीद चौक पर महीनों से बेरोजगारी की मार झेल रहे पटरी दुकानदार भारतीय पटरी दुकान संघ के बैनर तले तीन दिन से विकास पांडेय लला के नेतृत्व में धरना पर बैठे है। धरना स्थल पर आज दुकानदारों की मांगों को धार देने माफिया से नेता बने परशुराम सेना से झिमी चौबे ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर दे दी।
चौबे ने कहा पटरी दुकानदार रोज कमाते और खाते है,इनकी एक दिन दूकान बंद होने का मतलब इनके परिवार का भूखे सोना है।ऐसे में इनकी उचित मांगो पर त्वरित कार्रवाई किया जाए नही तो परशुराम सेना इनके मांग के समर्थन में आंदोलन करेगी।
पटरी दुकानदार के निम्न मांग है
पटरी दुकानदार की मांग है कि पुलिस उत्पीड़न बंद हो।
लोहिया बाजार में दुकानों का आवंटन किया जाए,नगर पालिका द्वारा पटरी दुकानदारों का पंजीकरण किया जाए।