बच्ची और बुजुर्ग की ठंड लगने से मौत

child-and-elderly-deaths-due-to-cold_1481652715तीन वर्षीय बालिका व 65 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई। दोनों परिवार के लोग मौत की वजह ठंड बता रहे हैं। प्रशासन नेे इससे इनकार किया है। दोनों शवों को बिना पोस्टमार्टम कराए अंतिम संस्कार कर दिया गया। विक्रमजोत के निकट स्थित मेले में सर्कस दिखाने पहुंचे परिवार की तीन वर्षीय बालिका का शरीर पंडाल में ही अकड़ गई। जबकि श्रीपालपुर के दलित पुरवा कटहापुर के  जयश्री की मौत सीने में दर्द व उल्टी के बाद हुई। 
 
 विक्रमजोत क्षेत्र के अमोलीपुर में लगे मेले में सर्कस दिखाने आए परिवार की तीन वर्षीय बेटी करिश्मा की शरीर सोमवार रात पंडाल में अकड़ गई। मंगलवार सुबह उसे निकट के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। शव लेकर लोग घघौआ चौकी ले गए, जहां पंचनामा के बाद शव पिता को सौंप दिया गया। स्थानीय लोगों के सहयोग से शंकरपुर कबिस्तान में दफना दिया। 

फैजाबाद के बीकापुर थाना क्षेत्र के नरायनपुर निवासी मोहम्मद सलीम करीब 20 वर्षों से सर्कस दिखाकर अपने परिवार का पेट पालते हैं। तभी से प्रत्येक वर्ष वह पूरे परिवार के साथ मेले में आते रहे। इस बार दो दिन पहले उनका परिवार मेले में आ गया। सोमवार को करतब दिखाने के बाद परिसर में स्थित पंडाल में सभी सो गए। आधी रात को कड़ाके की ठंड लगने से उसकी तीन वर्षीय बेटी करिश्मा का शरीर मानो अकड़ गया। पिता सलीम  ने बताया कि उसके चार लड़के शेरखान, फतेह, शाहरूख और अमीर तथा दो  लड़कियां रेशमा, करिश्मा सर्कस में करतब दिखाने  का काम करते हैं। उसका कहना है कि हम लोगों के पास रुपये खत्म हो गए थे। दो नोट हजार व पांच  सौ की नोट बची थी लेकिन चली नहीं जिससे बच्चों के कपड़े वगैरह नहीं खरीद पाया था। सोचा था कि मेले  के आमदनी से बच्चों के लिए गरम कपड़े खरीद लेगा।  मौत की सूचना पर मंगलवार शाम को नायब तहसीलदार बीएस दुबे और एसओ छावनी अनिल सिंह पहुंचे। पीड़ित पिता सलीम के साथ ही अन्य लोगों के भी बयान दर्ज किया। 

सदर विकास खंड के ग्रामपंचायत श्रीपाल पुर दलित पूरवे के कटहापुर  निवासी 65 वर्षीय जयश्री की सोमवार आधी रात को मौत हो गई। मृतक के लड़के राम  जीत, सर्वजीत,  रामअशीष ने बताया कि रात को उनके पिता खाना खाकर बिस्तर पर सो गए। आधी रात को अचानक उनके सीने में तेज दर्द होने लगा और उल्टी होने लगी।  वह लोग उन्हें अस्पताल ले जाने की तैयारी कर ही रहे थे कि दम तोड़ दिया। परिजनों का कहना है कि उन्हें ठंड लग गई थी  जिसके कारण मौत हुई। पत्नी सूर्यमती के अलावा बच्चे व अन्य परिजन दहाड़ें मारकर रोने लगे। जयश्री का परिवार छप्पर  के मकान में रहता है। परिजनों ने बताया कि अंत्योदय कार्ड बना है लेकिन आवास अभी तक नहीं मिला। उसके पास मात्र तीन विस्वा खेत है। इसलिए मजदूरी करके किसी तरह गुजर बसर हो रहा है।  शव का अंतिम संस्कार बक्सई घाट पर कर दिया गया। 

 
 

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