फर्जी वीजा तैयार कर सिंगापुर भेजने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का कैंट पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने मां टूर एंड ट्रैवेल्स के नाम से एजेंसी चलाकर लोगों को ठगने वाले चार लोगों को गिरफ्तार कर उनके पास से फर्जी वीजा बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले कंप्यूटर, स्कैनर आदि बरामद कर लिए हैं। इनके कब्जे से बरामद तमंचा और बोलेरो भी पुलिस ने जब्त कर लिया है। आरोपियों की
बुधवार को कैंट थाने में एसएसपी रामलाल वर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस कर ठगों के गिरोह की जानकारी दी। एसएसपी ने बताया कि पकड़े गए ठग दिव्यनगर में मां टूर एंड ट्रैवेल्स के नाम से एजेंसी चलाते थे। अखबारों में विज्ञापन के जरिए ये लोगों को विदेश भेजने का झांसा देते थे। अब तक 60 लोग इनके चंगुल में फंस चुके थे। आरोपी पहले लोगों का पासपोर्ट जमा कराते थे और 30 हजार रुपये लेते थे। फिर फर्जी वीजा तैयार होने के बाद 45 हजार रुपये और लेते थे। यहां से ये उन्हें चेन्नई भेजते थे, जहां डरा-धमका कर वसूली करने के बाद भगा दिया जाता था।
ठगी का शिकार हुए अब्दुल्ला ने कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कराया, जिसके बाद पुलिस सक्रिय हो गई थी। सीओ कैंट अभय मिश्रा की अगुवाई में कैंट इंस्पेक्टर ओम हरि वाजपेयी व उनकी टीम ने जांच शुरू की तो सभी पकड़ में आ गए। पकड़े गए लोगों की पहचान खोराबार के रानीडीहा निवासी सुनील सिंह राणा, चिलुआताल के फतेहपुर निवासी अब्दुल्ला, अहिरौली निवासी राजनमणि, कैंट के दिव्यनगर निवासी पंकज कुमार के रूम में हुई है।
चेन्नई की एजेंसी से थी सांठगांठ
आरोपियों की चेन्नई के एक इंटरप्राइजेज नाम की एजेंसी से सांठगांठ थी। यहां से एक शख्स को भेजने पर वीजा आता था और इसके बदले उन्हें महज पांच हजार रुपये ही मिलते थे। अब्दुल्ला भी सिंगापुर जाने के लिए चेन्नई गए थे, वहां से उन्हें दूसरे देश भेजने की बात कही गई तो वह भड़क गए। यहां आने पर उन्हें चेक दिया गया और शांत रहने को कहा गया। जब रुपये वापस नहीं मिले तो उन्होंने कैंट थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया।