डॉक्टर्स प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भस्थ महिला को खानपान में आयरन युक्त डाइट और फॉलिक एसिड के सेवन की सलाह देते हैं ताकि मां और होने वाला बच्चा दोनों स्वस्थ रहें. लेकिन जरूरत से ज्यादा फॉलिक एसिड का इस्तेमाल भी आपके होने वाली बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है. आइए जानते हैं कैसे.
गर्भावस्था के बाद के चरणों में फॉलिक एसिड के सेवन से इंट्रायूटेरिन ग्रोथ रेस्ट्रिक्शन (आईयूजीआर) से प्रभावित बच्चों में एलर्जी के खतरे बढ़ सकते हैं. एक नए अध्ययन में इन खतरों के प्रति आगाह किया गया है.
फॉलिक एसिड विटामिन बी का एक प्रकार है जो विकसित हो रहे भ्रूण के तंत्रिका ट्यूब में होने वाले दोषों को रोकता है.
तंत्रिका ट्यूब गर्भावस्था के पहले महीने में विकसित हो जाता है. यही कारण है कि चिकित्सकीय पेशेवर आम तौर पर महिलाओं को गर्भावस्था की पहली तिमाही में फॉलिक एसिड पूरक लेने की सलाह देते हैं.
हालांकि गर्भावस्था के बाद के चरणों में इसके नियमित सेवन की जरूरत नहीं रह जाती और असल में यह बच्चों में एलर्जी के खतरे को बढ़ा सकता है.
ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ एडिलेड के अनुसंधानकर्ताओं ने भेड़ के तीन वर्गों से पैदा होने वाले मेमनों पर अध्ययन किया. इनमें सामान्य से छोटे प्लेसेंटा वाली मांओं, छोटे प्लेसेंटा वाली मांओं जिन्हें फॉलिक एसिड का ज्यादा डोज गर्भावस्था के आखिरी महीने तक दिया गया है.तीसरा समूह उन महिलाओं का है जिनका आहार और प्लेसेंटा दोनों सामान्य था. रिसर्चर्स ने पाया कि ज्यादा डोज लेने वाली भेड़ों के बच्चों में एलर्जी का खतरा बढ़ जाता है. यह अध्ययन अमेरिकन जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी में प्रकाशित हुआ है.