पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार गिरिराज किशोर का रविवार सुबह उनके निवास पर निधन हो गया। मुजफ्फरनगर निवासी गिरिराज किशोर कानपुर में बस गए थे और यहां के शूटरगंज में रहते थे। वह 83 वर्ष के थे। गिरिराज किशोर के निधन से साहित्य के क्षेत्र में शोक छा गया।
किशोर जी के तीन बच्चे दो बेटियां जया और शिवा, एक बेटा अनीश है। एक पोता तन्मय, दो पोतियां ईशा और वान्या हैं। पत्नी मीरा गिरिराज किशोर हैं। सुबह उन्होंने रोज की तरह समय पर नाश्ता किया और लोगों से बातचीत की। फिर अचानक नौ बजे के बाद उनकी तबीयत बिगड़ी और साढ़े नौ बजे आवास पर ही उनका निधन हो गया।
गिरिराज किशोर जी ने अपना शरीर दान कर दिया था। इसलिए सोमवार सुबह 10 बजे मेडिकल कॉलेज में शरीर दान की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। उनके आवास पर लोगों का तांता लगा हुआ है। साहित्यकारों में साहित्यकारों में प्रियंवद, अमरीष सिंह दीप, संजीबा, अनीता मिश्रा, डॉ. सुरेश अवस्थी, हरभजन सिंह मेहरोत्रा, संध्या त्रिपाठी, सुरेश गुप्ता आदि भी पहुंचे।