मामूली धाराओं पर साधारण व्यक्ति को जेल पहुंचाने वाली लखनऊ पुलिस मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के रसूख के आगे उनके ऊपर संज्ञेय धारा लागू होने के बाद भी हाथ डालने से बच रही है। समाजवादी पार्टी के रसूखदार मंत्री के खिलाफ तीन वर्ष बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केस दर्ज किया गया।
गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ तीन दिन पहले मुकदमा दर्ज होने केबाद भी गायत्री समेत किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गायत्री समेत सात आरोपियों पर गैंगरेप, दुष्कर्म के प्रयास, पॉक्सो एक्ट समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा तो दर्ज कर लिया, लेकिन उसकी कार्रवाई शून्य है। जिससे पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।
सीओ हजरतगंज अवनीश कुमार मिश्र के मुताबिक महिला के बयान दर्ज कराने के लिए एक सिपाही के माध्यम से उनके चित्रकूट स्थित पते पर नोटिस दिया गया है। उन्होंने कहा महिला के बयान दर्ज कराने के बाद ही आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी। मामले के विवेचक इंस्पेक्टर गौतमपल्ली आशुतोष त्रिपाठी का कहना है कि कल महिला से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उसके दोनों मोबाइल फोन स्विच ऑफ थे। इंस्पेक्टर गायत्री पर कुछ बोलने से बचते नजर आए।
गौरतलब है कि परसों शाम सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गौतमपल्ली थाने में गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत सात लोगों पर सामूहिक दुष्कर्म, दुष्कर्म का प्रयास, धमकी, पॉक्सो एक्ट समेत आइपीसी की अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है।
युवती ने तहरीर में कहा है कि तीन वर्ष पहले वह गायत्री प्रसाद प्रजापति से खनन की जमीन के पट्टे के लिए उनके पांच गौतमपल्ली मंत्री आवास पर मिली थी, जहां उन्होंने चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर दिया। जिससे युवती बेहोश हो गई और गायत्री समेत सात लोगों ने मिलकर दुष्कर्म किया। युवती ने अपनी नाबालिग बेटी संग दुष्कर्म के प्रयास करने का मामला भी दर्ज कराया। जिन अन्य लोगों को मुकदमे में नामजद किया गया है वह गायत्री के करीबी हैं, जिसमें विकास वर्मा, चंद्रपाल, रूपेश, आशीष गुप्ता, पिंटू सिंह व अशोक तिवारी शामिल हैं।
महिला ने कहा मंत्री जी कभी भी जान से मरवा सकते हैं
मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला ने कहा है कि अगर जल्द सातों आरोपियों की गिरफ्तारी न हुई तो मंत्री जी कभी भी जान से मरवा सकते हैं। महिला ने तहरीर में भी जिक्र किया है कि मंत्री समेत सातों आरोपियों से बच्चों के साथ उसकी जान को खतरा है, आरोपी कभी कुछ भी करा सकते हैं। महिला ने मंत्री समेत अन्य आरोपियों के कई बार जान से मारने की धमकी की भी बात कही है।
सभी धारा में तुरंत गिरफ्तारी का प्रावधान
पूर्व डीजीपी बृज लाल ने बहा कि तीन दिन बाद भी मंत्री की गिरफ्तारी बेहद हैरान करने वाली बात है। मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की गिरफ्तारी की बात तो दूर अभी तक उनसे एक बार भी पूछताछ नहीं हो सकती है। यह हाल तो तब है जब सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है। बृजलाल ने कहा कि गायत्री समेत अन्य आरोपियों पर दस साल से अधिक की सजा की धाराएं लगीं हैं, सभी धाराओं में तुरंत गिरफ्तारी के प्रावधान हैं। विवेचना तो बाद का पार्ट है। प्रदेश सरकार ने जब गायत्री पर कोई कार्रवाई नहीं की तो उसकी एजेंट बन चुकी पुलिस कार्रवाई क्यों करेगी।
मंत्री समेत सभी आरोपियों की गिरफ्तारी अनिवार्य
पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा कि इस हाईप्रोफाइल केस में 48 घंटे के भीतर मंत्री समेत सभी आरोपियों की गिरफ्तारी अनिवार्य रूप से होनी चाहिए। पुलिस ने महिला का मुकदमा नहीं दर्ज किया था, तभी सुप्रीम कोर्ट को आदेश करना पड़ा, पुलिस को अब कोर्ट का पालन करते हुए आरोपियों गिरफ्तारी करनी चाहिए। पुलिस राजनैतिक दबाव में है, तभी आरोपियों से पूछताछ तक नहीं हुई।
टीम चित्रकूट भेजी है
एसएसपी मंजिल सैनी ने बताया कि साक्ष्य संकलित कराने को महिला को बुलाने के लिए उसके चित्रकूट के उसके आवास पर एक पुलिस टीम भेजी है। अगर महिला के आरोप सही साबित हुए तो गायत्री समेत सभी सातों आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।
गायात्री प्रजापति पर गर्वनर राम नाईक ने दिया बयान
पॉक्सो एक्ट के साथ बलात्कार के आरोप में फंसे कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को लेकर गवर्नर राम नाईक ने यूपी की जनता से अपने वोट का सही इस्तेमाल करने की तरफ इशारा किया है। गर्वनर राम नाईक ने कहा कि गायत्री के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद केस दर्ज हुआ है। उन्होंने कहा कि इस सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कुछ भी टिप्पणी करने उनके आधिकार क्षेत्र में नहीं है। हालांकि उन्होंने इशारा किया कि यूपी का मतदाता सब कुछ देख रहा है।
क्या है पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश के बाद गौतमपल्ली थाने में मंत्री गायत्री प्रजापति पर मुकदमा दर्ज किया गया है। क्राइम नंबर 29-17 पर गायत्री प्रजापति के अलावा 5 अन्य आरोपियों पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है। आईपीसी की धारा 511 504, 506 के 3/4 और 376-डी के अलावा गायत्री प्रजापति पर पॉक्सो एक्ट भी शामिल है। पार्टी की एक महिला कार्यकर्ता ने गायत्री प्रजापति पर बलात्कार करने और उसकी बच्ची के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था। अंतत: सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद यूपी पुलिस ने अखिलेश यादव के करीबी मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।