देवरिया के बरहज से विधायक रहे रामप्रसाद जायसवाल का शनिवार की रात निधन हो गया। वे हृदय रोग और गुर्दे की बीमारी से पीड़ित थे। उनका मेदांता में इलाज चल रहा था। एनआरएचएम घोटाले में आरोपी जायसवाल पिछले दिनों जमानत पर रिहा हुए थे। देर शाम तक शव देवरिया पहुंचने की उम्मीद है।
पूर्व विधायक रामप्रसाद जायसवाल बरहज कस्बे के रहने वाले थे। 55 वर्षीय श्री जायसवाल ने 1995 से राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेना शुरू किया। शुरुआती दिनों मे कांग्रेस से जुड़े रहे। करीब दो वर्ष तक कांग्रेस में रहने के बाद वे बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए। इस बीच वर्ष 2000 में अपनी पत्नी रेनू जायसवाल को बरहज नगरपालिका अध्यक्ष का चुनाव बसपा से लड़ाया। जायसवाल चुनाव जीतकर अध्यक्ष बनी। 2002 के विधानसभा चुनाव में वे बसपा से चुनाव लड़े, लेकिन हार गए।
2007 के विधानसभा चुनाव में श्री जायसवाल बरहज से बसपा के टिकट पर विधायक बने। प्रदेश में बसपा की सरकार बनने पर श्री जायसवाल काफी ताकतवर होकर उभरे। बाबू सिंह कुशवाहा के करीबी रहे जायसवाल ने 2009 के लोकसभा चुनाव में देवरिया लोकसभा क्षेत्र से अपने पिता गोरख प्रसाद जायसवाल को बसपा से चुनाव लड़ाया। काफी चर्चित रहे इस चुनाव में गोरख जायसवाल ने जीत हासिल की।
इस बीच उनका नाम एनआरएचएम घोटाले में आया। आरोपी बनाए जाने के बाद उन्होंने 2012 का विधानसभा चुनाव अपनी पत्नी रेनू जायसवाल को लड़ाया। हालांकि वे चुनाव हार गईं। छह मार्च 2012 को सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। वे डासना जेल में बंद रहे। करीब साढ़े तीन वर्ष जेल में रहने के बाद उन्हें मेडिकल आधार पर जमानत मिली। इधर वह फिर वे जेल चले गए थे। 12 फरवरी को उन्हें जमानत मिली। लेकिन तबियत खराब होने पर उन्हें मेदांता में भर्ती कराया गया था।