मानदेय बढ़ाये जाने को लेकर जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पीजी डॉक्टर की हड़ताल गुरुवार को दूसरे दिन भी जारी रही। छात्रों का आंदोलन उग्र हो गया। इसके कारण इंडोर से लेकर कोरोना वार्ड तक मरीजों का इलाज प्रभावित हुआ। हड़ताल के दौरान गुरुवार को इमरजेंसी के शिशु रोग वार्ड में भर्ती छह माह की बच्ची की मौत हो गयी। बच्ची के पिता ने आरोप लगाया कि बच्ची की तबीयत गंभीर थी। हड़ताल के कारण डॉक्टरों ने बेटी का ठीक से इलाज नहीं किया, जिससे उनकी बेटी की मौत हो गयी।
बांका जिले के बिंदाचक निवासी कुंदन साह की छह माह की बेटी सृष्टि प्रिया को गुरुवार की अलसुबह चार बजे डॉ. खलील अहमद की यूनिट में भर्ती कराया गया था। पूर्वाह्न 11:30 बजे बच्ची की मौत हो गयी। पिता कुंदन का आरोप था कि बच्ची को जब भर्ती कराया गया तो उस वक्त कोई वरीय डॉक्टर नहीं थे। सुबह साढ़े नौ बजे से लेकर साढ़े 11 बजे तक जूनियर ओपीडी बंद करा रहे थे, तो कोई डॉक्टर बच्ची का इलाज करने के लिए आगे नहीं आये। वहीं, शिशु रोग विभाग के एचओडी डॉ. आरके सिन्हा ने कहा कि बच्ची का भर्ती के वक्त डॉक्टर ने इलाज किया था। सुबह तबीयत बिगड़ी तो उस वक्त डॉक्टर ने बच्ची का इलाज किया। लेकिन बच्ची को गंभीरावस्था में लाया गया था और क्रॉनिक निमोनिया के कारण उसके फेफड़े में संक्रमण हो गया था, इसलिए बच्ची को बचाया नहीं जा सका।
आधा दर्जन से अधिक ऑपरेशन टले, कोरोना मरीजों की सांसत
हड़ताल के कारण अस्पताल में आधा दर्जन से अधिक मरीजों के ऑपरेशन टालने पड़े। सर्जरी विभाग में नौ में से चार मरीजों का तो हड्डी रोग विभाग में सात में चार मरीजों के ऑपरेशन हड़ताल के कारण टल गये। सिर्फ इमरजेंसी में ही जरूरी ऑपरेशन किये गये। इसके अलावा इंडोर के कई विभागों में देरी से राउंड हुआ तो एमसीएच कोरोना आइसोलेशन वार्ड में कोरोना संक्रमितों को इलाज के लिए तरसना पड़ा। अधीक्षक डॉ. अशोक कुमार भगत ने कहा कि इंडोर व कोरोना वार्ड में जहां भी पीजी डॉक्टर तैनात थे, एहतियातन वहां पर सीनियर डॉक्टरों की ड्यूटी लगायी गयी थी। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन जेएलएनएमसीएच के अध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार ने कहा कि जब तक मांग पूरी नहीं होती है, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।