देशभर के राज्यों की राजधानियों के पानी की गुणवत्ता रिपोर्ट में दिल्ली के खराब प्रदर्शन के बाद से ही पानी पर जंग छिड़ गई है। एक ओर जहां केजरीवाल सरकार इस रिपोर्ट को राजनीति से प्रेरित बताती है, वहीं भाजपा का कहना है कि दिल्ली सरकार गंदा पानी सप्लाई कर लोगों को बीमार कर रही है।
इस बीच सोमवार को केजरीवाल सरकार ने चुनौती देते हुए कहा था कि उनकी सरकार मीडिया के सामने हर वार्ड से 5-5 रैंडम सैंपल लेगी और उसकी जांच कराएगी। इसमें उन्होंने रामविलास पासवान को भी बुलाया।
इसी के जवाब में रामविलास पासवान ने अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखते हुए उन्हें चुनौती देते हुए ट्वीट किया, ‘आज मैंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी को पत्र लिखकर अवगत करा दिया है कि दिल्ली के पानी की दोबारा जांच के लिए मैंने बीआईएस के दो वरिष्ठ पदाधिकारियों की टीम बना दी है और केजरीवाल जी भी अपनी ओर से सक्षम अधिकारियों को नामित करें ताकि नमूने लेकर जांच हो सके।’
चिट्ठी में लिखीं हैं ये बातें
रामविलास पासवान ने वो चिट्ठी भी ट्वीट की है जो उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री को लिखी है। उन्होंने इसमें लिखा है, आपको अवगत कराना चाहूंगा कि भारतीय मानक ब्यूरो(बीआईएस) ने पानी के लिए निर्धारित मानकों के अनुरूप 21 राज्यों से पानी के नमूने एकत्र कर उनका परीक्षण किया और दिनांक 16 नवंबर 2019 को इन राज्यों में पानी की स्थिति की रैंकिंग जारी की। बीआईएस द्वारा जारी रैंकिंग के अनुसार इन राज्यों में पानी की गुणवत्ता का स्तर अलग-अलग पाया गया।
मुझे यह देखकर आश्यचर्य हुआ कि इन दिनों प्रेस तथा ट्विटर पर आपकी पार्टी द्वारा दिल्ली में पानी की गुणवत्ता पर बीआईएस द्वारा जारी रिपोर्ट पर सवाल उठाए जा रहे हैं और यहां तक कहा जा रहा है कि यह दिल्ली को बदनाम करने की साजिश है। इस संबंध में मेरा सिर्फ यही कहना है कि देश के प्रत्येक नागरिक को पीने का साफ पानी मिले, यह प्रत्येक राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है।
इसके बाद उन्होंने लिखा कि मैंने बीआईएस अधिकारियों की एक टीम बना ली है आप भी बना लें फिर दिल्ली के पानी की दोबारा जांच हो सकेगी। विश्वास है कि आप इस पर अविलंब कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।