अब तक पासपोर्ट वेरिफिकेशन के लिए पुलिस आपके घर पर आती थी. इस वजह से पासपोर्ट मिलने में देरी के साथ-साथ अन्य मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. पुलिस अफसर को भी पुराने फाइलों की जांच करनी होती थी कि कहीं आपके खिलाफ किसी तरह का कोई मुकदमा तो नहीं है.
इस वजह से सरकार जल्द ही पासपोर्ट देने का व्यवस्था को तकनीकी रूप से और बेहतर करने जा रही है. इस नई व्यवस्था के तहत अब पुलिस को आवेदक के घर जाने की जरूरत नहीं होगी.
सीसीटीएनएस से जुड़ेगी पासपोर्ट सेवा
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को ही सीसीटीएनएस परियोजना के तहत एक डिजिटल पुलिस पोर्टल शुरू किया, जिसका उद्देश्य अपराधों और अपराधियों का राष्ट्रीय ब्योरा तैयार करना है. सरकार का लक्ष्य इस सीसीटीएनएस से पासपोर्ट सेवा को जोड़ने की है. इसके बाद आवदेक की जानकारी इस सीसीटीएनएस से प्राप्त की जा सकेगी और पुलिस के घर जाकर वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं होगी.
यह व्यवस्था एक साल में पासपोर्ट आवेदकों का ऑनलाइन वेरिफिकेशन पुलिस द्वारा खुद जाकर वेरिफिकेशन करने की व्यवस्था की जगह लेगा. केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने कहा कि अपराध और अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम्स परियोजना (सीसीटीएनएस) को विदेश मंत्रालय की पासपेार्ट सेवा के साथ जोड़े जाने की उम्मीद है.
महर्षि ने कहा, ‘कुछ राज्यों में पासपोर्ट संबंधी वेरिफिकेशन को पूरा करने के लिए पुलिस पहले से ही सीसीटीएनएस का उपयोग कर रही है. पुलिस को आवेदक के पते पर जाने के लिए हाथ में पकड़े जा सकने वाले उपकरण दिए जाएंगे और उनकी जानकारियां नेटवर्क पर डाली जाएंगी.’
उन्होंने बताया कि सीसीटीएनएस परियोजना देशभर के करीब 15398 थानों और पांच हजार अतिरिक्त शीर्ष पुलिस अधिकारियों के कार्यालयों को आपस में जोड़ेगा और सभी थानों में प्राथमिकी दर्ज होने, जांच और आरोपपत्र के संबंध में डेटा का डिजिटलीकरण करेगा. इस तरह सभी प्रकार की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी. इस ब्यौरे से सिर्फ एक क्लिक पर आवेदकों की पृष्ठभूमि की जानकारी मिल सकेगी.