पाकिस्तान में जमात उलेमा-ए-इस्लाम-फजल के नेता और मुफ्ती अज़ीज़ उर रहमान को रविवार को यौन प्रताड़ना के केस में गिरफ्तार कर लिया गया। अज़ीज़ उर रहमान को-पंजाब प्रक्षेत्र के मियानवली से गिरफ्तार किया गया। ‘Geo News’ ने इससे पहले अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि अज़ीज़ उर रहमान का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस वीडियो में वो एक छात्र का यौन उत्पीड़न करते नजर आए थे।
पीड़ित छात्र ने आरोप लगाया था कि रहमान ने उसका यौन शोषण किया और इसके बाद मुफ्ती के बेटों ने उन्हें ब्लैकमेल करना और जान से मारने की धमकी देना शुरू किया था। छात्र ने कहा था कि ‘अगर इस मामले में न्याय नहीं होता है तो मैं आत्महत्या कर लूंगा।’ पुलिस ने इस मामले में मुफ्ती के बेटों को भी गिरफ्तार किया है।
इस मामले में केस दर्ज होने के बाद रहमान और उसके बेटे फरार हो गए थे। इस मामले में जेयूआई-एफ लाहौर के जनरल सचिव ने वीडियो वायरल होने के बाद मुफ्ती अज़ीज़ उर रहमान को नोटिस जारी किया था। इतना ही नहीं पार्टी ने मुफ्ती रहमान की सदस्यता भी रद्द कर थी।
सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर कई यूजर्स का मुफ्ती अज़ीज़ उर रहमान के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा था। कई लोगों ने मुफ्ती पर कार्रवाई की मांग की थी। इस मामले में पाकिस्तान के सिविल सोसायटी के सदस्यों ने देश की धार्मिक पार्टियों पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया था।
बीते गुरुवार को पाकिस्तान में ट्विटर पर #muftiazizurrehman ट्रेंड कर रहा था। इसी वीडियो के आधार पर पुलिस ने जमात उलेमा-ए-इस्लाम-फजल्स के मुफ्ती अज़ीज़ उर रहमान पर पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 377 और 506 के तहत केस दर्ज किया था। इस मामले में पाकिस्तान के पत्रकार मुबशिर ज़ैदी ने कहा था कि इस मामले में भले ही पुलिस ने मुफ्ती के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है लेकिन पीड़ित लड़के की जिंदगी अभी भी खतरे में है।
पाकिस्तान के एक रिसर्चर अम्मार राशिद ने इस मामले में कहा था कि ‘पीड़ित लड़के को मुफ्ती के गुंडे धमकी दे रहे हैं। मुफ्ती को न्याय के कटघरे में खड़ा करना इतना आसान नहीं है। सरकार को चाहिए कि वो लड़के को ढूंढे और उसे सुरक्षा प्रदान करे।’