पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चुनाव के दौरान जमकर हिंसा, दो लोगों की मौत, पांच पुलिसकर्मियों की पिटाई, भारत ने किया था विरोध

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में विधानसभा के लिए रविवार को मतदान हुआ। इस दौरान चुनाव में गड़बड़ी और हिंसा के आरोप लगे, जिसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के दो कार्यकर्ताओं की मौत हो गई। एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। मतदान केंद्रों में शाम पांच बजे तक ही मतदाताओं को प्रवेश की अनुमति दी गई। मतदान सुबह आठ बजे शुरू हुआ जोकि शाम पांच बजे तक जारी रहा। मतदान खत्म होने के बाद मतगणना शुरू होगी।भारत ने इससे पहले गिलगित-बाल्तिस्तान में चुनाव कराने के पाकिस्तान के फैसले का विरोध किया था और कहा था कि सैन्य कब्जे वाले क्षेत्र की स्थिति को बदलने के कार्य का कोई कानूनी अधिकार नहीं है।

डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, कोटली जिले के चारहोई इलाके में एक मतदान केंद्र पर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ और पीपीपी के कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प में पीटीआई के कम से कम दो कार्यकर्ताओं की मौत हो गई। पुलिस के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया कि अज्ञात लोगों ने दो कार्यकर्ताओं की गोली मारकर हत्या कर दी। वहीं, एक अन्य घटना में झेलम घाटी जिले में एक मतदान केंद्र पर जमात-ए-इस्लामी के कार्यकर्ताओं के हमले में पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए।क्षेत्रीय चुनाव आयुक्त न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अब्दुल राशिद सुलेहरिया ने कोटली में हुई हत्या की वारदात की निंदा की और कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, कई अन्य विधानसभा सीटों में भी हिंसा के चलते मतदान अस्थायी तौर पर स्थगित करना पड़ा। हिंसा की इन घटनाओं में कई लोग घायल हुए हैं और कई राजनीतिक कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है। इस बीच, पीपीपी कार्यकर्ताओं ने पीटीआई कार्यकर्ताओं पर मतदान प्रक्रिया को बाधित करने का आरोप लगाया। पीएमएल (एन) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता मजबूती से डटकर ‘वोट के चोरों’ को बेनकाब कर रहे हैं। वहीं, पीएमएल (एन) की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने ट्वीट कर कई विधानसभा सीटों में मतदान के दौरान गड़बड़ी का आरोप लगाया।

त्रिकोणीय मुकाबले की उम्मीद
पीओके विधानसभा में कुल 53 सदस्य हैं लेकिन इनमें से केवल 45 को सीधे निर्वाचित किया जा सकता है। इनमें पांच सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हैं और तीन विज्ञान विशेषज्ञों के लिए हैं। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई), पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के बीच कड़ा त्रिकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद है।

पीटीआई ने सभी 45 निर्वाचित क्षेत्रों के लिए अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि पीएमएल-एन और पीपीपी ने 44 सीटों के लिए अपने उम्मीदवार उतारे हैं। कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान (टीएलपी) जिसे पाकिस्तान सरकार ने उसकी हिंसक गतिविधियों के लिए अप्रैल में प्रतिबंधित कर दिया था, वह 40 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने प्रतिबंध के बाद टीएलपी का पंजीकरण रद्द नहीं किया था जिससे वह भी चुनाव में हिस्सा ले पा रही है। 33 निर्वाचन क्षेत्र पीओके में स्थित हैं जबकि 12 सीटें पाकिस्तान के विभिन्न शहरों में बसे शरणार्थियों के लिए हैं। विभिन्न राजनीतिक दलों के टिकटधारियों के अलावा, कुल 261 निर्दलीय उम्मीदवार भी पीओके की 33 सीटों के लिए मैदान में हैं जबकि 56 निर्दलीय 12 शरणार्थी सीटों पर उम्मीदवारी कर रहे हैं। पारंपरिक तौर पर, देश की सत्तारूढ़ पार्टी ही पीओके में चुनाव जीतती है। पीओके विधानसभा के लिए पिछला चुनाव जुलाई 2016 में हुआ था और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ नीत पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज ने चुनाव जीता था।

गैलप पाकिस्तान के चुनाव सर्वेक्षण के मुताबिक 44 प्रतिशत लोग प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी को समर्थन दे रहे हैं जबकि उसकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी पीएमएल-एन को 12 प्रतिशत मतदाताओं का समर्थन हासिल है।

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