बिहार में कोरोना संकट के बीच रात्रि कर्फ्यू के दौरान अस्पताल या रेलवे स्टेशन जा रहे लोग भी परेशान हैं। इनकी परेशानी का कारण वाहनों की चेकिंग है। चेकिंग के दौरान इलाज के जरूरी कागजात दिखाने पर भी पुलिस उन्हें रोक रही है। उनका चालान काटा जा रहा है। ज्यादातर मामलों में ले-देकर मामले को निपटाया जा रहा है।
इस तरह कई चौराहों पर पटना यातायात पुलिस के कुछ जवान आमलोगों को परेशान करने और अवैध तरीके से वसूली करने में जुटे हैं। ताजा मामला एनआईटी मोड़ के समीप का सामने आया है। बीते शनिवार की रात रात्रि कर्फ्यू के दौरान करीब आधा दर्जन सिपाही और दो पदाधिकारी तैनात थे। सभी यातायात पुलिस के थे। पुलिसवाले ट्रकों और बड़ी गाड़ियों को रोककर उनसे अवैध वसूली कर रहे थे। इसी बीच अहमदाबाद के रहने वाले दीपक शर्मा ट्रेन पकड़ने के लिये स्टेशन की ओर जा रहे थे। एनआईटी मोड़ के समीप यातायात पुलिस के जवानों ने उन्हें पकड़ लिया।
इसके बाद गाड़ी के कागजात की मांग की। गाड़ी का एक भी कागजात दीपक के पास मौजूद नहीं था। इस पर जवानों ने उन्हें दस हजार रुपये जुमाना देने को कहा। अंत में वे उनसे एक हजार रुपये नजराना देकर जाने को कहने लगे। मजबूर होकर दीपक को एक हजार रुपये देना पड़ा। रात्रि कर्फ्यू का मुआयना कर रही हिन्दुस्तान की टीम इस दौरान एनआईटी मोड़ के पास पहुंची। पत्रकार को देखते ही पीड़ित अपनी बात कहने लगे और दारोगा-सिपाही किसी तरह मामले को मैनेज करने में लग गये। आनन-फानन में एक पुलिस पदाधिकारी ने पीड़ित से नजराना के रूप में लिये गये एक हजार रुपये भी लौटा दिये।
एसपी ट्रैफिक ने कहा- होगी मामले की जांच
इस पूरे मामले की जानकारी पटना के यातायात एसपी अमरकेश डी को दे दी गयी है। उन्होंने इस पूरे मामले की जांच करने की बात कही है। शनिवार की रात जिन पुलिसवालों की डयूटी वहां लगायी गयी थी, उनसे पूछताछ भी आला अफसर कर सकते हैं।