नोटबंदी के 70 दिन बाद भी नहीं सुधरे हालात

नोटबंदी के बाद कैश के संकट से जूझ रहे बैंकों के हालात 70 दिन बाद भी पूरी तरह नहीं सुधर सके हैं। बैंक से लोगों को न तो जरूरत के मुताबिक पैसे मिल पा रहे हैं और न ही एटीएम सेवा पूरी तरह पटरी पर आ सकी है। इधर एक सप्ताह से हालात और बदतर हो रहे   हैं। things-have-not-improved-after-70-days-of-notbandi_1484856664
खरमास बीतते ही शादी विवाह के लिए लगन भी शुरू हो गई  है। लोगों को कैश की आवश्यकता बढ़ गई है।   बैंकों में एक बार फिर से भीड़ बढ़ने लगी है। नोटबंदी के 70 दिन पूरे होने पर गुरुवार को अमर उजाला ने बैंकों के हालात का जायजा लिया।

जिले में यूबीआई और एसबीआई समेत अन्य बैंकों की 335 शाखाएं हैं। इन सभी बैंकों के 274 एटीएम हैं।  सबसे बदतर हालात ग्रामीण बैंकों की है। बचत खाताधारकों को सप्ताह में 24 हजार और करेंट खाता धारकों को सप्ताह में एक लाख रुपये तक का भुगतान के लिए आरबीआई ने आदेश जरूर जारी किए हैं पर

आज भी ग्रामीण इलाकों की बैंकों में एक बार में 24 हजार रुपये तक भुगतान नहीं हो पा रहा है। गुरुवार को नौपेड़वा, धनियामऊ, खुटहन, शाहगंज, बदलापुर, महराजगंज, सिंगरामऊ समेत कई अन्य स्थानों पर मौजूद यूबीआई और काशी गोमती संयुत ग्रामीण बैंक की शाखाओं से लोगों को भुगतान नहीं हो सका। बैंकों में

कै श नहीं है का बोर्ड लगा दिया गया था। इसे लेकर ग्राहकों और बैंक कर्मियों से कहासुनी भी हुई। अभी बुधवार को नौपेड़वा में एसबीआई की शाखा से भुगतान न होने पर लोगों ने हाईवे जाम कर दिया था। यूबीआई की नौपेड़वा शाखा से पैसे निकालने आए रन्नो गांव के एहतेशाम हैदर ने बताया कि काफी देर तक बैंक में इंतजार किया बाद में बताया गया कि आज कैश नहीं है। खाली हाथ लौटना पड़ा। 

 
 

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