नोटबंदी की मार झेल रहे किसानों को केंद्र सरकार ने ऋण अदायगी की सीमा में 60 दिन का ग्रेस देकर राहत का मरहम लगाया है। भारत सरकार के कृषि मंत्रालय ने फैसले की जानकारी देते हुए कहा है कि ऋण भुगतान के लिए किसानों को कुछ समय की दरकार महसूस हो रही थी। उनके कठिनाईयों को देखते हुए सरकार ने बकाया ऋण भुगतान की समय सीमा को बढ़ाने का निर्णय लिया है।
दरअसल इस योजना के तहत किसानों के 7 प्रतिशत प्रतिवर्ष की ब्याज दर के बजाय एक वर्ष की अधिकतम अवधि के लिए 3 प्रतिशत पर ऋण मिलता है। इसके अलावा शीघ्र ऋण भुगतान करने वाले किसानों को 4 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लघु आवधिक ऋण की भी व्यवस्था है।