ग्रेटर नोएडा के एनपीएक्स मॉल में चल रहे अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का एटीएस और नोएडा पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस टीम ने इस मामले में दो संचालकों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों के पास से लैपटॉप, मोबाइल, राउटर, डी लिंक स्विच आदि उपकरण बरामद हुए हैं। पुलिस ने आरोपियों को रविवार को न्यायालय में पेश किया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। आरोपी अंतरराष्ट्रीय वीओआईपी कॉल्स को सामान्य वॉयस कॉल में बदलकर देश को नुकसान पहुंचा रहे थे।
पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते की टीम को पिछले काफी दिनों से सूचना मिल रही थी कि नोएडा में फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज बनाकर भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। इस सूचना के आधार पर एटीएस टीम, टेलीकॉम विभाग और नोएडा पुलिस ने शनिवार देर रात ग्रेटर नोएडा के एनपीएक्स मॉल की छठी मंजिल पर ऑल सोल्यूशन सर्विस के नाम से चल रहे अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का खुलासा किया। इस एक्सचेंज के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय वीओआईपी कॉल्स को सामान्य वायस कॉल्स में बदलक भारतीय नंबरों पर कॉल की जा रही थी। पुलिस टीम ने मौके से फर्जी टेलीफोन संचालक जेपी अमन अर्पाटमेंट सेक्टर-151 निवासी अभय मिश्रा उर्फ आदित्य और शम्स ताहिर खान उर्फ तुषार को गिरफ्तार किया है।
बीटेक और एमबीए हैं आरोपी : पकड़े गए आरोपियों ने अपनी पहचान छिपाने के लिए फर्जी नाम रख रखे थे। पुलिस को मौके से बरामद आरोपियों के पहचान पत्र से पता चला कि आरोपी अभय मिश्रा ने फर्जी नाम आदित्य रखा हुआ था और आरोपी शम्स ताहिर खान ने अपना नाम बदलकर तुषार रखा हुआ था। अभय मिश्रा ने बीटेक और शम्स ताहिर खान ने एमबीए कर रखा है। अभय मिश्रा मूल रूप से यूपी के हरदोई तथा शम्स ताहिर राजस्थान के झुझनूं का रहने वाला है।
सरकार पहुंचा रहे थे नुकसान : आरोपी विदेश की कॉल के लिए चार्ज का महज 10 से 15 फीसदी लेते थे। ऐसे में सरकार को प्रतिमाह 20 से 25 लाख रुपये का घाटा और आरोपियों को मोटा मुनाफा हो रहा था। आरोपी अभी तक सरकार को एक से दो करोड़ रुपये का घाटा कर चुके हैं। इसके अलावा दूरसंचार विभाग की टीम अपने स्तर पर राजस्व नुकसान की जांच कर रही है।
10 साल से अधिक सजा का प्रावधान : नोएडा जोन के एसीपी-2 रजनीश कुमार वर्मा ने बताया कि ऐसे आरोपियों द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी भी की जाती है। ऐसे में मामलो में आरोप सिद्ध होने पर 10 साल से अधिक की सजा का प्रावधान है।
डिस्प्ले में दिखता है भारतीय नंबर
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि अवैध इंटरनेट कॉलिंग में अभियुक्तों द्वारा एस्टरिस्क सॉफ्टवेयर के माध्यम से इंटरनेट कॉलिंग को वॉयस कॉल में बदलकर भारत में किसी भी नंबर पर बात कराई जा रही थी। इसमें डिस्प्ले पर विदेशी नंबर की जगह भारत का ही नंबर दिखता है। ऐसी कॉल गेटवे के माध्मय से नहीं आती हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के अवैध एक्सचेंज एवं वीओआईपी गेटवे की मॉनीटरिंग नहीं की जा सकती तथा यह देश की सुरक्षा के लिए भारी खतरा है।
वोडाफोन का सर्वर कर रहे थे इस्तेमाल
गिरफ्तार अभियुक्तों ने वोडाफोन कंपनी से 100 चैनल का पीआरआई सर्वर ले रखा था। वे भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नियमों का उल्लंघन करते हुए वीओआईपी कॉल्स को अनधिकृत रूप से वॉयस कॉल्स में परिवर्तित करके आर्थिक लाभ उठा रहे थे। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा था।
लंदन के पते पर बना रखी थी फर्जी कंपनी
ग्लोबल टेलीकॉम मार्केट में अपने धंधे की साख बढ़ाने के लिए फर्जी तरीक से वेबसाइट की मदद भी ली जा रही थी। अभियुक्तों ने आईपीजीएबी नेटवर्क लिमिटेड नामक एक बोगस कंपनी लंदन के पते पर रजिस्टर्ड करा रखी थी। वे वीओआईपी कॉल्स ट्रैफिक लेने व देने के लिए विभिन्न सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर विज्ञापन भी कर रहे थे।