नेपाल सरकार ने भारत व चीन की सीमा से जुड़े अपने 30 बॉर्डरों को सशर्त खोल दिया है। इसमें वीरगंज के अलावा उत्तर बिहार से लगे एक दर्जन से अधिक बॉर्डर शामिल है। कोरोना लॉकडाउन के साथ पिछले वर्ष 24 मार्च से बॉर्डर बंद था। शुक्रवार को नेपाल के गृह मंत्रालय ने आदेश जारी कर बॉर्डर खोलने की घोषणा की। इस आदेश के बाद नेपाली नागरिकों को निर्बाध आवाजाही की अनुमति दी गई है। जबकि, भारत के नागरिकों के लिए कुछ शर्त का पालन जरूरी है।
विदित हो कि भारत ने 22 अक्टूबर को ही नेपाल से लगी अपनी सीमा को खोल दी थी। इसके बाद से ही विभिन्न नेपाली संघ व संस्थाएं भारत से लगी सीमा खोलने के लिए आंदोलन चला रहे थे।
नेपाल सरकार के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता चक्रबहादुर बुढा के अनुसार भारतीय नागरिकों को नेपाल आने के लिए गृह मंत्रालय की स्वीकृति अनिवार्य है। साथ ही उन्हें यह भी बताना होगा कि वे क्यों आना चाहते हैं। इसके लिए उन्हें प्रायोजन के साथ निवेदन पंजीकृत करना होगा। अनुमति मिलने पर ही नेपाल में प्रवेश मिलेगा। हालांकि तीसरे देश के नागरिकों को स्थल मार्ग से अनुमति नहीं दी गई है। उन्हें फ्लाइट से ही आने जाने की अनुमति दी गई है।
भारतीय नागरिकों को नेपाल के गृह मंत्रालय से इजाजत लेनी होगी। यात्रा के लिए कोविड नियंत्रण उच्चस्तरीय समिति से जुड़ी सीसीएम की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसमें यात्रा का कारण, अवधि, उद्देश्य का ब्यौरा देना होगा। अनुमति मिलने के साथ मंत्रालय से उन्हें बार कोड मिलेगा। इसके साथ आवेदक को आरटीपीसीआर की 72 घंटे के अंदर की निगेटिव जांच रिपोर्ट दिखानी होगी, तभी प्रवेश मिलेगा। वाहन के लिए इजाजत मिलने पर यात्रा अवधि की कस्टम ड्यूटी देनी पड़ेगी।
उत्तर बिहार के इन बॉर्डरों पर प्रवेश की इजाजत :
बिहार से लगी नेपाल की खजुरगाछी, भंटाबारी, कनौल, जटही, इनरवा, भिट्ठामोड़, मलंगवा, बंकूल, मटिअरवा, सिमरौनगढ़, त्रिवेणी, माड़र, गौर व वीरगंज शामिल हैं।
बॉर्डर को कोविड 19 गाइडलाइन के साथ खोला गया है। नए कोरोना संक्रमण को ले एहतियात बरता जा रहा है। पूर्वी चंपारण से जुड़े नेपाल के वीरगंज, मटिअरवा व सिमरौनगढ़ बॉर्डर खोला गया है। प्रवेश के लिए गाइडलाइन का पालन करना होगा। लोकल लोगों के लिए जरूरी कामों के लिए ढील दी गई है, जो जारी है।