हमीरपुर में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सभा में हंगामा करने के मामले में कल किसान नेता निरंजन राजपूत तथा उनकी सहयोगी विशाखा की गिरफ्तारी के बाद घाटमपुर में दहशत का माहौल हैं। घाटमपुर के लरुरीमऊ गांव को इसी आशंका के कारण छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
कानपुर के घाटमपुर का लहुरीमऊ गांव छावनी में तब्दील हो गया है। कल रात पुलिस ने हमीरपुर के किसान यूनियन अध्यक्ष निरंजन राजपूत व विशेखा को गिरफ्तार कर लिया था। यह लोग अभी तक किसानों को मुआवजे को लेकर धरना दे रहे थे।
निरंजन तथा विशाखा की गिरफ्तारी के बाद माहौल खराब होने की आशंका के बीच एसपी ग्रामीण राजेश कुमार की अगुवाई में कई थानों की पुलिस ने की गांव की नाकेबंदी कर ली है। यहां पर सीआरपीएफ महिला विंग की टुकड़ी भी मंगवाई है। अब पुलिस किसी को भी गांव में जाने की इजाजत नहीं दे रही है।
क्या है मामला
हमीरपुर में बीती 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की जनसभा में हंगामा करने के आरोपी वहां के भाकियू जिलाध्यक्ष निरंजन राजपूत व महिला जिलाध्यक्ष विशेखा राजपूत को पुलिस ने कल गिरफ्तार कर लिया। एसएसपी आकाश कुलहिर ने बताया कि दोनों के इलाहाबाद में होने वाली भारतीय किसान यूनियन की रैली में शामिल होने की जानकारी होने पर पुलिस टीम को सक्रिय कर दिया गया था।
देर रात इलाहाबाद से दोनों को लौटते वक्त महाराजपुर के पास से गिरफ्तार किया गया। दोनों से पूछताछ की जा रही। निरंजन राजपूत ने अपने साथियों संग मुख्यमंत्री की जनसभा में सजेती लहुरीमऊ गांव के पास नेवेयली पावर प्लांट के निर्माण में भूमि अधिग्रहण के विरोध में हंगामा किया था। इसको लेकर यह लोग 21 नवंबर से लहुरीमऊ में धरना दे रहे हैं।
सीएम की जनसभा में हंगामे के बाद जब हमीरपुर व सजेती पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए दबिश दी तो उन पर हमला बोल दिया गया था। हमले में चार थानेदारों समेत 14 पुलिस कर्मी गंभीर रूप से घायल हुए थे। इसके बाद पुलिस पूरे गांव की नाकाबंदी कर निरंजन राजपूत एवं विशेखा राजपूत की गिरफ्तारी की कोशिशें तेज कर दी थीं। एक समय ऐसा आया जब इन लोगों ने वहां मथुरा के जवाहरबाग जैसे हालात पैदा कर दिये।