यूपी में मेयर और चेयरमैन का कार्यकाल खत्म हो रहा लेकिन योगी सरकार चुनाव कराने को लेकर गम्भीर नही है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस बारे में योगी सरकार से जवाब तलब करते हुए पूछा है कि मेयर और नगर निकायों का कार्यकाल पूरा होने से पहले चुनाव आखिर क्यों नहीं कराए गए।
अदालत ने सरकार से यह भी बताने को कहा है कि वह आखिर कब चुनाव कराना चाहती है और चुनाव को लेकर उसकी क्या तैयारियां हैं। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने इस बारे में यूपी के पंचायती राज विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेट्री से विस्तृत हलफनामा दाखिल करने को कहा है।
हलफनामा दाखिल करने के लिए यूपी सरकार को आठ अगस्त तक की मोहलत दी गई है। हलफनामे में इस बात का भी जवाब देना होगा कि मेयर्स समेत नगर निगमों, नगर पंचायतों व नगर पालिका अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद उनकी क्या स्थिति रहेगी। उनका कार्यकाल बढ़ाया जाएगा या फिर उनकी जगह सरकारी अफसरों को प्रशासक के तौर पर नियुक्त किया जाएगा।
जस्टिस अरुण टंडन और जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की डिवीजन बेंच इस मामले में अब आठ अगस्त को सुनवाई करेगी। अदालत ने यूपी सरकार से यह जवाब तलब आगरा के नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष वीणा धनगर की अर्जी पर सुनवाई के बाद दिया है। अर्जी में कहा गया है कि सरकार अध्यक्षों का कार्यकाल ख़त्म होने के बाद प्रशासक बिठाना चाहती है। सरकार का यह फैसला सियासी है, जिसे रद्द किया जाना चाहिए।