धनतेरस के अवसर पर मानव धन और आरोग्य की कामना करता है। इसले लिए वह आरोग्य के देवता धन्वंतरी और धन की देवी की लक्ष्मी के साथ कुबेर देव की आराधना करता है। इससे मानव को बेहतर स्वास्थ्य के साथ धन-धान्य की प्राप्ति होती है। इस अवसर कुछ अच्छे कार्यों को करने से सालभर समृद्धि बनी रहती है, जबकि कुछ कार्यों को ना करने की सलाह दी जाती है।
धनतेरस के दिन करें यह काम
धनतेरस के दिन नई झाडू और सूपड़े की खरीदारी शुभ रहती है। मंदिर, नदी के घाट, कुओं, जलाशयों और बगीचों में दीपक जलाना चाहिए। तांबे, पीतल, चांदी के गहने या बर्तन खरीदने चाहिए। कुबेर का पूजन करके शुभ मुहूर्त में अपने कारोबारी प्रतिष्ठान नई गादी बिछाने का भी विधान है। नहीं तो पुरानी गादी की सफाई करें। शाम के समय तेरह दीपक जलाकर तिजोरी में कुबेर का पूजन करें। यम के निमित्त दीप जलाएं।
धनतेरस के दिन न करें यह काम
इस दिन कुछ कार्यों को न करने की सलाह दी जाती है। घर में कही भी कूड़ा-कबाड़ या खराब सामान न रखें। इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह रुकता है। पुराना या बेकार सामान घर से बाहर निकाल दें। घर के मुख्य द्वार के सामने तो बेकार वस्तुओं का न रखें। मुख्य द्वार को साफ-सुथरा रखें। क्योंकि मान्यता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी का आगमन होता है। धनतेरस के दिन सिर्फ कुबेर की पूजा न करें। कुबेर के साथ देवी लक्ष्मी और आरोग्य के देव धन्वंतरी की पूजा करें। नहीं तो आने वाले साल में स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस दिन कांच के बर्तनों के खरीदने की भी मनाही है। सिर्फ सोने-चांदी या धातु के बर्तनों के खरीदने से ही शुभता आती है।