यूपी गेट बार्डर पर एकत्र हुए किसानों ने शनिवार को एक बार फिर दम भरा। कई माह बाद यूपी गेट पर किसानों की संख्या में बढ़ोतरी नजर आई। पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत राज्यपालों को ज्ञापन देने के दौरान देहरादून और दिल्ली में किसानों को पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने से यूपी गेट पर किसानों में नाराजगी नजर आई। दोपहर करीब पौने तीन बजे आंदोलन की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय राकेश टिकैत ने बार्डर पर मौजूद मीडिया को संबोधित किया और इस बारे में जानकारी दी। राकेश टिकैत ने कहा कि हम अपने साथियों को छुड़ाने के लिए कुछ नहीं करने जा रहे हैं। सरकार उन्हें गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेजे या फिर उप राज्यपाल से मुलाकात कराए। ऐसा नहीं होता है हम देश में आंदोलन तेज करेंगे।
शनिवार को गाजीपुर बार्डर पर राकेश टिकैत ने प्रेस वार्ता कर आरोप लगाया कि दिल्ली में उपराज्यपाल को ज्ञापन देने जा रहे भाकियू राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह समेत कुछ किसानों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। वहीं देहरादून में भी राजभवन जा रहे किसानों को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने प्रेस वार्ता में ही चेतावनी देते हुए कहा कि किसानों को या तो रिहा किया जाए या तिहाड़ जेल भेजा जाए। अन्यथा किसान दिल्ली की ओर कूच करेंगे। उन्होंने कहा कि यह कैसा लोकतंत्र है, जहां कोई अपना ज्ञापन भी नहीं दे सकता। राज्यपाल सबके हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या सिर्फ भाजपा के लोग ही राज्यपाल से मुलाकात कर सकते हैं। हालांकि शाम को दिल्ली में किसानों की उपराज्यपाल से वर्चुअल मीटिंग और राज्यपाल के सचिव को ज्ञापन देने की सूचना मिलने के बाद टिकैत ने दिल्ली कूच के निर्णय को वापस ले लिया।
और भी ट्रैक्टर मार्च निकाले जाएंगे
राकेश टिकैत ने मीडिया से बताया कि आंदोलन को देश भर में तेज करेंगे। कोविड गाइडलाइन में राहत मिलने पर देशभर में आंदोलन तेज किया जाएगा। बैठक में निर्णय लिया गया है कि आंदोलन को धार देने के लिए ट्रैक्टर मार्च और तेज किए जाएंगे। जुलाई माह के लिए दो ट्रैक्टर की तिथि की घोषणा भी टिकैत ने की। उन्होंने कहा नौ जुलाई को शामली और बागपत जनपद के किसान ट्रैक्टर मार्च लेकर दिल्ली की ओर बढेंगे। 10 जुलाई को यह ट्रैक्टर मार्च सिंघु बार्डर पहुंचेगा। उसके बाद 24 जुलाई को एक और ट्रैक्टर मार्च बिजनौर और मेरठ जनपद के किसान निकालेंगे। 24 जुलाई की रात को ट्रैक्टर मार्च का पड़ाव मेरठ के सिवाया टोल पर होगा और फिर 25 जुलाई को मार्च गाजीपुर बार्डर पहुंचेगा। फिलहाल दो ट्रैक्टर मार्च तय किए गए हैं, आगे भी इसी तरह मार्च दिल्ली की ओर आते रहेंगे।
राकेश टिकैत की गिरफ्तार की अफवाह उड़ी
गाजीपुर बार्डर पर शनिवार को घटनाक्रम बड़ी तेजी से बदले। दिल्ली में एलजी हाउस गए किसानों को हिरासत में लिया गया तो सोशल मीडिया पर अफवाह चल गई कि राकेश टिकैत को दिल्ली में गिरफ्तार कर लिया गया है। यह जानकारी पाकर राकेश टिकैत ने खुद टवीट कर बताया कि यह अफवाह के अलावा कुछ नहीं है, मैं गाजीपुर बार्डर पर मौजूद हूं और सब कुछ सामान्य है, संयम बनाए रखें। बाद में मीडिया से बात करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी की अफवाह सरकारी साजिश का हिस्सा है। सरकार ऐसी अफवाह के सहारे शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे किसानों को भड़काने का प्रयास कर रही है। किसान संयम से काम लें और इस तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें।
देर से शुरू हुआ मंच-
आंदोलन स्थल पर शनिवार को देर शाम को थोड़ी देर के लिए ही मंच का संचालन हुआ। दरअसल मुख्य मंच का साउंड खराब होने के चलते किसान मंच का रोजाना की तरह संचालन नही कर सके है। वही स्वामी सहजानंद की पुण्यतिथि पर भी किसानों ने उनको श्रद्धांजलि दी है।